'50 साल में कितने सीएम आए गए होंगे', योगी आदित्यनाथ से रिश्तों पर बोले आजम खान

समाजवादी पार्टी के बड़े नेता और रामपुर से कई बार विधायक रहे आजम खान हाल ही में 22 महीने जेल में रहने के बाद बाहर आए. रिहाई के बाद उन्होंने अपने राजनीतिक सफर, रिश्तों और आरोपों को लेकर न्यूज नेशन से एक्लूसिव बातचीत की.

समाजवादी पार्टी के बड़े नेता और रामपुर से कई बार विधायक रहे आजम खान हाल ही में 22 महीने जेल में रहने के बाद बाहर आए. रिहाई के बाद उन्होंने अपने राजनीतिक सफर, रिश्तों और आरोपों को लेकर न्यूज नेशन से एक्लूसिव बातचीत की.

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Mohit Saxena
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azam khan

azam khan Photograph: (newsnation)

समाजवादी पार्टी के बड़े नेता और रामपुर से कई बार विधायक रहे आजम खान हाल ही में 22 महीने जेल में रहने के बाद बाहर आए. न्यूज नेशन से खास बातचीत में उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की. योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं उत्तर प्रदेश के बतौर मुख्यमंत्री जो उनका कार्यकाल रहा अभी 8 साल का है. इस कार्यकाल को और योगी आदित्यनाथ के व्यक्तित्व के बारे में क्या कहेंगे? इस सावल के जवाब में आजम खान ने कहा, पांच छह साल तो हमारे जेल में ही गुजरे और बाकी के दो साल हम तो क्या कहते हैं फरारी में गुजरे तो यह पता नहीं चल सका कि राजनीति में हुआ क्या है हो क्या रहा है बस यह पता चला कि हमारे के घर के दरवाजे पर पुलिस खड़ी है. नोटिस चिपकाए जा रहे हैं. ढोल बज रहा है. 

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मेरे साथ तो बहुत सीएम रहे

न्यूज नेशन ने पूछा कि सरकार बने हुए छह महीने एक साल हुआ होगा. तिलक हॉल के बगल वाली जो गैलरी जहां से आप लोग अंदर जाते हैं, विधानसभा में जहां से हम लोग फोटो लेते हैं. हम लोग सामने खड़े थे. सीएम जा रहे थे. आपकी भी एंट्री तभी हुई. आप सीएम का हाथ पकड़ते हैं. फिर सामने आते हैं कैमरे के. इस पर आजम खान ने कहा, इसका लिहाज उनको भी था और हमको तो जाहिर है. आफ्टर ऑल सीएम सीएम ही होते हैं वो कोई भी हो और मेरे साथ तो बहुत सीएम रहे आप सोच सकते हैं. 

मिस करते हैं सर

समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा, '50 साल में कितने सीएम आए गए होंगे.  वो जो देश के प्रधानमंत्री बने थे. विश्वनाथ प्रताप सिंह भी थे और एक और थे जो जूते बहुत अच्छे पहनते थे और सफारी सूट बहुत अच्छा पहनते थे. हाउस में कहा भी था कि हम तो आपसे डिजाइन लेते हैं. यूपी विधानसभा में कल्याण सिंह भी थे. हाउस में बहुत तल्खी रहती थी. और आप जानते हैं जब मैं बोलता था तो सुई अगर गिर जाए तो उसकी भी आवाज आती थी. लोग इंतजार करते थे कि आप बोले कब? मायावती जी भी थी. मिस करते हैं सर. जब बाहर निकलते थे तो ये लोग हमारे हाथ में हाथ डाल लेते थे और हम अपनी जेब में किसी के काम की पर्ची रखते थे. पर्ची थमा देते थे. उनका काम हो जाता था. तो जो भी कड़वाहट होती थी. सॉरी वो उस दरो दीवार के अंदर होती थी.'

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