समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आजम खान हाल ही में 22 महीने जेल में रहने के बाद बाहर आए. रिहाई के बाद उन्होंने अपने राजनीतिक सफर, रिश्तों और आरोपों को लेकर न्यूज नेशन से एक्लूसिव बातचीत की.
न्यूज नेशन से खास बातचीत में आजम खां से पूछा गया कि जिले बरेली में एक बड़ा विवाद भी हुआ. यहां पर जानेमाने मौलाना है वहां के तौकीर रजा वो जेल भेजा गया. आई लव मोहम्मद को लेकर एक धार्मिक विषय है. एक कैंपेन चलाया गया. एक स्लोगन के जरिए अलग-अलग जगहों पर रैलियां निकाली गई. उसको लेकर बगल के जिले बरेली में हिंसा हुई और इस हिंसा में 70 से ज्यादा लोग अब तक गिरफ्तार हुए हैं. कल वहां पर बुलडोजर की भी कारवाई की गई. जो आरोपी हैं कहा गया कि उन्होंने पत्थरबाजी की और कि वैसे कुछ विजुअल्स आए उस दिन लाठी चार्ज भी हुआ. इस पूरे प्रकरण को सर किस तरीके से देखते हैं और क्या कहना चाहेंगे?
दिलों को जोड़ने की जरूरत
इस पर आजम खां ने कहा, देखिए इसकी बहुत तफसील में तो मैं नहीं जाऊंगा. वजह यह है कि मैं आलिम नहीं हूं. लेकिन सहनशीलता बहुत कम हो गई है. हमें उसे बढ़ाने की जरूरत है. यह हमारे घर घरेलू विवाद है. यह तो सब बुलाकर बात कर लेते हैं. बिठाकर बात हो सकती थी. अब भी हो सकती है. दिलों को जोड़ने की जरूरत है. बड़ी नाजुक शय है दिल. और आपको मालूम होना चाहिए दिल के अंदर भी दिमाग होता है.
खैर यूं ही सही हम बुरे तुम भले
नई लेटेस्ट रिसर्च है. दिल के अंदर भी ब्रेन होता है. वो कहती है. ना कि भाई दिल बहुत घबरा रहा है. मेरे दिल ने यह फैसला किया है. तो अब तक साइंस ये कहती थी कि दिल कोई चीज नहीं है. ब्रेन जब उसको मैसेज पहुंचाता है तब दिल काम करता है. नहीं दिल के अंदर भी एक ब्रेन है. इस एहसास को वही ब्रेन बताता है. तब ब्रेन तक जाता है मैसेज. अब दिल में अगर दिमाग रख लेंगे हम सब मसले हल हो जाएंगे. कौन सी बात है? सैकड़ों हजारों साल का इतिहास हमारा सिवई और गुजिया का है. खत्म कर दो गिले.आज मिलकर गले. खैर यूं ही सही हम बुरे तुम भले.