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अयोध्या: राम मंदिर जमीन खरीद सौदे पर उठे सवाल को लेकर ट्रस्ट का जवाब, केंद्र और संघ को भेजी रिपोर्ट

अयोध्या में राम मंदिर से जुड़ी जमीन खरीद मामले (Ayodhya Ram temple land purchase scam) में ट्रस्ट घिरता नजर आ रहा है

Updated on: 15 Jun 2021, 05:58 PM

highlights

  • अयोध्या में राम मंदिर से जुड़ी जमीन खरीद मामले में घिरा ट्रस्ट
  • श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रकरण को लेकर केंद्र को रिपोर्ट भेजी
  • आरोप में दो करोड़ की जमीन साढ़े 18 करोड़ में खरीदने का आरोप

लखनऊ:

अयोध्या में राम मंदिर से जुड़ी जमीन खरीद मामले (Ayodhya Ram temple land purchase scam) में ट्रस्ट घिरता नजर आ रहा है. जिसको लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) की ओर से इस पूरे प्रकरण को लेकर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है. आपको बता दें कि विपक्षी पार्टियों की ओर लगाए गए आरोप में कहा गया था कि जिस जमीन का रेट दस मिनट पहले केवल 2 करोड़ रुपए था, वही जमीन ट्रस्ट ने साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदी. ट्रस्ट पर राम मंदिर जमीन खरीद सौदे को लेकर सवाल उठे हैं. वहीं, ट्रस्ट ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इसको विपक्षी पार्टियों की साजिश करार दिया है. ट्रस्ट ने यह रिपोर्ट केंद्र के अलावा भाजपा और आरएसएस को भी भेजी है. इस रिपोर्ट जमीन खरीद संबंधी सभी जानकारी पूरे विस्तार के साथ दी गई है। इसके साथ ही यह भी समझाया गया कि इसके रेट अलग-अलग क्यों और कैसे हैं?

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भाजपा विरोधी पार्टियां लगा रहीं आरोप

ट्रस्ट की ओर से रिपोर्ट में कहा गया कि राम मंदिर से जुड़ी जमीन खरीद को लेकर हुए सौदे पर भाजपा विरोधी पार्टियां लगा रहीं हैं. ट्रस्ट ने इसके साथ ही जमीन से जुड़े कुछ तथ्य भी दिए. तथ्यों में ट्रस्ट की ओर से दावा किया गया कि मंदिर जो जमीन खरीदी गई है वो प्राइम लोकेशन पर है, जिसकी वजह से उसके रेट अधिक हैं. खरीदी गई जमीन का रेट 1423 प्रति स्क्वायर फीट है. आपको बता दें कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने ट्रस्ट पर राम मंदिर की जमीन खरीद सौदे पर सवाल उठाया था. विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि जिस जमीन का रेट दस मिनट पहले केवल 2 करोड़ रुपए था, वही जमीन ट्रस्ट ने साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदी. उन्होनें इसको करोड़ो लोगों की आस्था को धोखा देना का मामला बताया है. इसके साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच और ट्रस्ट के मेंबर्स के इस्तीफे मांगे हैं.

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श्रीराम मंदिर का निर्माण भारत की स्वाभाविक दृढता की अभिव्यक्ति

आपको बता दें कि इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि श्रीराम मंदिर का निर्माण भारत की स्वाभाविक दृढता की अभिव्यक्ति है.