UP News: अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने की मोदी सरकार की तारीफ, जातीय जनगणना पर कही ये बात

Awadhesh Prasad: अवधेश प्रसाद ने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि यह काम सिर्फ घोषणा तक सीमित नहीं रह जाए.

Awadhesh Prasad: अवधेश प्रसाद ने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि यह काम सिर्फ घोषणा तक सीमित नहीं रह जाए.

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Yashodhan.Sharma
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Ayodhya News: केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना को लेकर जारी नई सूचना पर समाजवादी पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के नेता और अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद ने जातीय जनगणना की पहल का स्वागत करते हुए इसके निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से कराए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि जातीय जनगणना केवल एक आंकड़ा जुटाने का काम नहीं है, बल्कि यह देश के वंचित, गरीब और शोषित तबकों को हक दिलाने का माध्यम बन सकती है. बशर्ते इसे पूरी ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ किया जाए.

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मुलायम सिंह यादव का किया जिक्र

अवधेश प्रसाद ने कहा कि इस देश में सबसे पहले जातीय जनगणना की आवश्यकता पर जोर श्रद्धेय मुलायम सिंह यादव जी ने दिया था. वे इस मुद्दे को लगातार उठाते रहे, ताकि देश के पिछड़े वर्गों को उनका वास्तविक हक मिल सके. उनके इस विचार को बाद में अन्य राजनीतिक दलों और नेताओं का भी समर्थन मिला.

जनगणना प्रक्रिया में न हो गड़बड़ी

अयोध्या सांसद ने आगे कहा कि जातीय जनगणना की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए. जो भी आंकड़े जुटाए जाएं, वे जमीनी सच्चाई पर आधारित हों. अगर आंकड़े गलत हुए, तो इससे उन वर्गों को फिर नुकसान होगा जो पहले से ही हाशिए पर हैं. देश में आज भी कई समुदाय ऐसे हैं जिन्हें आजादी के 75 साल बाद भी बराबरी का अधिकार और संसाधनों तक पहुंच नहीं मिल पाई है.

केंद्र सरकार का किया धन्यवाद

अवधेश प्रसाद ने केंद्र सरकार को इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद दिया है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि यह काम सिर्फ घोषणा तक सीमित नहीं होना चाहिए. इसके आंकड़े, प्रक्रिया और उद्देश्य पूरी तरह निष्पक्ष होने चाहिए. पार्टी ने उम्मीद जताई है कि जातीय जनगणना का कार्य पूरी पारदर्शिता, संवेदनशीलता और निष्पक्षता के साथ किया जाएगा.

करोड़ों लोगों का संवर सकता है भविष्य

सांसद ने कहा कि अगर इस बार सही आंकड़े सामने आए और उन्हें नीति-निर्माण में आधार बनाया गया, तो इससे करोड़ों लोगों का भविष्य संवर सकता है. लेकिन अगर जातीय जनगणना में राजनीति या पक्षपात घुस आया, तो इससे न केवल जनगणना की साख घटेगी, बल्कि सामाजिक न्याय की उम्मीद भी टूट जाएगी.

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