अयोध्या में तैयार 240 फुट ऊंचे रावण के दहन पर लगा बैन, अचानक प्रशासन ने क्यों लगा दी रोक

UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 240 फुट ऊंचे रावण और 190 फुट ऊंचे कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों के दहन पर प्रशासन ने बैन लगा दिया है. आखिर ये निर्णय क्यों लेना पड़ा ?

UP News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 240 फुट ऊंचे रावण और 190 फुट ऊंचे कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों के दहन पर प्रशासन ने बैन लगा दिया है. आखिर ये निर्णय क्यों लेना पड़ा ?

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Yashodhan.Sharma
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burnig Ravan effigies ban

Ayodhya burnig Ravan effigies ban Photograph: (Social)

Ayodhya News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में इस बार दशहरे पर भव्य रावण दहन कार्यक्रम अधूरा रह गया. पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 240 फुट ऊंचे रावण और 190 फुट ऊंचे कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों के दहन पर रोक लगा दी.

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एक महीने से चल रहा था निर्माण

राम कथा पार्क में फिल्म कलाकार रामलीला समिति द्वारा इन विशालकाय पुतलों का निर्माण पिछले एक महीने से किया जा रहा था. मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों से आए कारीगर लगातार काम में जुटे हुए थे. समिति का दावा है कि करीब 240 फुट का रावण दुनिया का सबसे ऊंचा पुतला होता.

प्रशासन ने क्यों लगाई रोक

अयोध्या के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेश चतुर्वेदी ने मीडिया को बताया कि इतने बड़े पुतलों का दहन सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं था. आयोजक समिति ने प्रशासन से इसकी अनुमति भी नहीं ली थी. गश्त के दौरान जब पुलिस को पुतलों के निर्माण की जानकारी मिली तो जांच की गई और बाद में रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया गया.

आयोजकों की नाराजगी

रामलीला समिति के संस्थापक अध्यक्ष सुभाष मलिक ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कारीगरों ने दिन-रात मेहनत कर पुतलों को तैयार किया, लेकिन दहन से मात्र तीन दिन पहले रोक लगा दी गई. उन्होंने कहा कि हजारों रुपये की लागत से बने ये पुतले अब बेकार हो जाएंगे. साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि दशहरा पर तैयार किए गए रावण का दहन न होना अशुभ माना जाता है.

पीएम और सीएम से लगाई गुहार

सुभाष मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि राम कथा पार्क में सुरक्षा कारणों से दहन संभव नहीं है, तो अयोध्या में किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर इसकी अनुमति दी जानी चाहिए.

भव्य आयोजन पर सवाल

बता दें कि रामलीला समिति पिछले सात सालों से अयोध्या में भव्य रामलीला का मंचन करती आ रही है. इस बार रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाई वाले पुतलों का निर्माण कर दर्शकों को आकर्षित करने की योजना थी. लेकिन पुलिस प्रशासन के फैसले से यह आयोजन विवादों में आ गया है.

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