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अयोध्या विध्वंस मामले में बोले इकबाल, 28 साल से चल रहा मसला हो खत्म

इकबाल अंसारी ने कहा कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के विवाद में गत वर्ष नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद गड़े मुर्दे नहीं उखाड़े जाने चाहिए और विवाद भूलकर मुल्क की तरक्की में लगना चाहिए.

Updated on: 30 Sep 2020, 11:54 AM

नई दिल्ली:

अयोध्या (Ayodhya) में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत बुधवार को फैसला सुनाने जा रही है. बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे मो़ इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) का कहना है कि 28 वर्ष तक चले इस मामले को अब खत्म कर देना चाहिए. इकबाल अंसारी ने कहा कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के विवाद में गत वर्ष नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद गड़े मुर्दे नहीं उखाड़े जाने चाहिए और विवाद भूलकर मुल्क की तरक्की में लगना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि जो साक्ष्य है वह सीबीआई के पास हैं. हम चाहते हैं कि 28 साल हो गये यह मसला खत्म कर देना चाहिए. इस मामले में कुछ लोग इस दुनिया में नहीं है. कुछ लोग बुजुर्ग हो गये हैं. ऐसे में इस मसले को खत्म कर देना चाहिए. जो होना था वह हो चुका है. राममंदिर और बाबरी का फैसला आ चुका है. हिन्दू-मुस्लिम को बराबर सम्मान भी मिला है. हमें संविधान और कानून पर पूरा भरोसा है.

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उन्होंने मथुरा और काशी के विवाद पर कहा यह वही लोग हैं जो हिंदू मुस्लिम को लड़ाना चाहते हैं. सरकार ने पहले ही तय किया है कि अब नया विवाद मंदिर मस्जिद का नहीं किया जाएगा तो अब इस तरीके का विवाद क्यों शुरू किया जा रहा है. उनका कहना है कि देश को ऐसे विवाद से कहीं अधिक रोजगार, आर्थिक मजबूती, राष्ट्रीय एवं सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर बनाने की जरूरत है.

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ज्ञात हो कि अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत बुधवार को फैसला सुनाने जा रही है. इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता लालष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत 32 आरोपी हैं. 28 वर्ष तक चली सुनवाई के बाद ढांचा विध्वंस के आपराधिक मामले में फैसला सुनाने के लिए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.के. यादव ने सभी आरोपियों को तलब किया.