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बाराबंकी में भड़काऊ भाषण और कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन पर ओवैसी पर FIR

इससे पहले बाराबंकी जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की बैठक को अनुमति देने से इनकार कर दिया था.

Updated on: 10 Sep 2021, 08:15 AM

highlights

  • रामसनेही मस्जिद पर दिया भड़काऊ बयान
  • पीएम मोदी और सीएम योगी पर बिगड़े बोल
  • विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार कर रहे ओवैसी

बाराबंकी:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने और कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करने के आरोप में एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बाराबंकी में मुकदमा दर्ज हुआ है. ओवैसी पर धार्मिक भावनाएं भड़काने समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है. इसके साथ ही बगैर अनुमति जनसभा करने और लोगों को रामसनेही मस्जिद के नाम पर भड़काने का आरोप है. ओवैसी ने धार्मिक उन्माद भड़काने के प्रयास में यहां तक कह डाला कि देश में एक पार्टी का वर्चस्व बढ़ रहा है और देश धीरे-धीरे हिंदू राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है. 

इससे पहले बाराबंकी जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की बैठक को अनुमति देने से इनकार कर दिया था. ओवैसी अगले साल आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी के दौरे पर हैं, राज्य विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने मंगलवार को अयोध्या से अपने अभियान की शुरूआत की थी और गुरुवार को बाराबंकी में एक सभा को संबोधित करने वाले थे. एआईएमआईएम के सज्जाद हुसैन ने कटरा इमामबाड़ा में जनसभा की अनुमति मांगी थी. एसडीएम सदर नवाबगंज पंकज सिंह ने सुरक्षा कारणों से अनुमति देने से इंकार कर दिया.

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हालांकि प्रशासन ने कटरा बारादरी इलाके में एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष चौधरी फैजुर रहमान के आवास पर सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक कार्यक्रम की अनुमति दी है. एसडीएम ने कहा कि इस कार्यक्रम में कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के तहत केवल 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जाएगी. इस बीच बुधवार को सुल्तानपुर में पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के अध्यक्षों की मूर्खता के कारण नरेंद्र मोदी दो बार देश के प्रधानमंत्री बने. उन्होंने अखिलेश यादव और मायावती द्वारा उन्हें पार्टियों के लिए 'वोट बिगाड़ने वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी की चुनावी स्थिति को मजबूत करना है.