इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी के खिलाफ टिप्पणी करने वाले श्ख्स की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि व्यक्ति ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान यह टिप्पणी की थी. प्राथमिकी में आगे कहा गया है कि याचिकाकर्ता एक हिस्ट्री-शीटर था और उसका आर्म लाइसेंस पहले ही रद्द कर दिया गया था.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
court

Court( Photo Credit : सांकेतिक चित्र)

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उस व्यक्ति की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है जिसने हाथरस के सामूहिक दुष्कर्म मामले के विरोध के दौरान कथित तौर पर 'उप्र के मुख्यमंत्री को मोटी चमड़ी का आदमी' कहा था. जस्टिस अंजनी कुमार मिश्रा और जस्टिस शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने कासगंज जिले के नीरज किशोर मिश्रा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 4 हफ्ते में अपना जवाब देने का निर्देश दिया है. साथ ही 6 हफ्ते के बाद इस मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश भी दिया है.

Advertisment

और पढ़ें: योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता में आई गिरावट, अखिलेश यादव ने कसा तंज

एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि व्यक्ति ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान यह टिप्पणी की थी. प्राथमिकी में आगे कहा गया है कि याचिकाकर्ता एक हिस्ट्री-शीटर था और उसका आर्म लाइसेंस पहले ही रद्द कर दिया गया था.

कासगंज जिले के पतियाली पुलिस स्टेशन में याचिकाकर्ता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत 11 दिसंबर, 2020 को धारा 153-बी, 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में, सत्ता पक्ष के खिलाफ आंदोलन करना विपक्ष के नेताओं का संवैधानिक अधिकार है. ऐसे में दलित लड़की के बलात्कार के मुद्दे पर याचिकाकर्ता का आंदोलन करना गलत नहीं है.

यह देखते हुए कि 'मामले पर विचार की आवश्यकता है', अदालत ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जांच पर रोक नहीं लगाई गई है, लिहाजा उसे जारी रखा जाएगा.

Source : IANS

allahabad high court Uttar Pradesh इलाहाबाद हाईकोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ UP CM Yogi Adityanath
      
Advertisment