इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड का शिकार हुए जज के इलाज का ब्योरा मांगा
अदालत ने कहा, अतिरिक्त महाधिवक्ता को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में न्यायमूर्ति वी.के. श्रीवास्तव को दिए गए उपचार को रिकॉर्ड में लाने के लिए एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है.
highlights
- इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति को दिए गए उपचार को लेकर जवाब मांगा
- दिवंगत न्यायमूर्ति श्रीवास्तव को लखनऊ के अस्पताल में दिए गए उपचार का ब्योरा मांगा
- कोरोना से संक्रमित जज वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव का पिछले हफ्ते निधन हो गया था
लखनऊ:
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों से न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव को दिए गए उपचार को लेकर जवाब मांगा. कोविड वायरस से संक्रमित हाईकोर्ट के सिटिंग जज वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव का पिछले हफ्ते निधन हो गया था. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष गोयल को एक हलफनामा दायर कर दिवंगत न्यायमूर्ति श्रीवास्तव को लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दिए गए उपचार का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया, जहां उन्हें शुरुआत में भर्ती कराया गया था.
पीठ को सूचित किया गया कि विभिन्न निजी अस्पतालों और यहां तक कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी, जिन रोगियों को भर्ती किया जा रहा था, उनका ध्यान नहीं रखा गया. यह भी बताया गया कि न्यायमूर्ति श्रीवास्तव को भी शुरू में समुचित उपचार नहीं दिया गया था और तभी उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. उसी रात, उन्हें लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां पांच दिनों तक आईसीयू में रहने बाद आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया.
अदालत ने कहा, अतिरिक्त महाधिवक्ता को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में न्यायमूर्ति वी.के. श्रीवास्तव को दिए गए उपचार को रिकॉर्ड में लाने के लिए एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है और उन्हें यह भी बताना होगा कि न्यायमूर्ति को तुरंत, 23 अप्रैल की सुबह ही संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ क्यों नहीं ले जाया गया.
पीठ ने अस्पतालों में खाली पड़े बिस्तरों की जानकारी के लिए सरकार द्वारा बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल पर भ्रामक जानकारी दिए जाने को भी संज्ञान में लिया है. अदालत ने इस पर भी गौर किया कि भले ही एल-2 और एल-3 अस्पतालों में कोई बिस्तर खाली नहीं है, पर पोर्टल रिक्त स्थान दिखाता है और इसे अपडेट नहीं किया जाता है.
अदालत ने कहा, मामलों की जो यह स्थिति है और हमें सरकार द्वारा बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल के प्रबंधन के बारे में पता चला है, आज कोविड अस्पताल प्रबंधन पर छाया डालती है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी