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School Fees: Allahabad High Court के आदेश से मिली इन पैरेंट्स को राहत

School Fee Case: उत्तर प्रदेश में उन पैरेंट्स को बड़ी राहत मिली है, जिन्होंने स्कूल बंद रहने के दौरान भी कोरोना महामारी के दौर में मोटी फीस भरी थी. अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ( Allahabad High Court ) ने फैसला सुनाया है कि स्कूलों को उस फीस को...

Updated on: 16 Jan 2023, 08:42 PM

highlights

  • इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
  • स्कूलों को लौटानी पड़ेगी 15 फीसदी फीस
  • स्कूल छोड़ चुके बच्चों के पैरेंट्स को भी मिलेगा फायदा

प्रयागराज:

School Fee Case: उत्तर प्रदेश में उन पैरेंट्स को बड़ी राहत मिली है, जिन्होंने स्कूल बंद रहने के दौरान भी कोरोना महामारी के दौर में मोटी फीस भरी थी. अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ( Allahabad High Court ) ने फैसला सुनाया है कि स्कूलों को उस फीस को वापस करना पड़ेगा, जो बच्चों के माता-पिता ने कोरोना महामारी के दौरान भरी थी. हालांकि ये कुल फीस का 15 फीसदी तक ही होगा. इस फीस को स्कूल छोड़ चुके या स्कूल बदल चुके बच्चों के माता-पिता को वापस करना होगा और जो बच्चे अभी भी उन स्कूलों में पढ़ रहे हैं, उनकी फीस में पिछली फीस को एडजस्ट कर दिया जाएगा. ताकि पैरेंट्स पर इस साल कम बोझ पड़े. इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले से पैरेंट्स को बड़ी राहत पहुंची है.

स्कूल छोड़ने/बदलने वाले बच्चों के पैरेंट्स को भी मिलेगा फायदा

इलाहाबाद हाई कोर्ट ( Allahabad High Court ) का ये फैसला 2020-21 के सत्र के लिए है, तो उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों पर लागू होगा. हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि 2020-2021 के सत्र में जितनी फीस स्कूलों ने वसूली है, उसका 15 फीसदी हिस्सा इस साल एडस्ट किया जाए. और जिन बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है, या स्कूल बदल दिया है. उन्हें ये 15 फीसदी राशि नकद या खाते में ट्रांसफर करके लौटाई जाए.

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एक दर्जन से अधिक याचिकाओं पर हुई सुनवाई

इस मामले में एक दर्जन से अधिक याचिकाएं हाई कोर्ट ( Allahabad High Court ) में दाखिल की गई थी. जिस पर चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीर की बेंच सुनवाई कर रही थी. चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीकर ने 6 जनवरी को मामले की आखिरी सुनवाई की थी और फैसले को सुरक्षित रख लिया था. अब सोमवार को उन्होंने फैसला सुनाया है. बता दें कि स्कूलों में 2020-2021 के दौरान पूरी फीस की वसूली की गई थी. जबकि उन दिनों क्लास ऑनलाइन चल रही थी. ऐसे में हाई कोर्ट का फैसला पैरेंट्स के लिए बड़ी राहत बन कर आया है.