logo-image

प्रदेश के सभी सीएचसी और पीएचसी केंद्र यूपी की मुख्य सड़कों से जुड़ेंगे

मरीजों को राहत देने के लिये प्रदेश में स्थित सभी सीएचसी और पीएचसी से जुड़े मार्गो के सुढृढ़ीकरण की कार्रवाई भी तेज हो गई है.

Updated on: 19 Jun 2021, 02:49 PM

highlights

  • प्रदेश में कुल 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी है. जबकि शहरी पीएचसी की संख्या 592 है
  • बरसात के मौसम को देखते हुए जहां अस्पतालों में इलाज के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं

उत्तर प्रदेश:

उत्तर प्रदेश सरकार अब मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिये सुगम मार्ग देने की तैयारी में जुट गई है. इसके लिये उसने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के निर्देश दिए हैं. मरीजों को राहत देने के लिये प्रदेश में स्थित सभी सीएचसी और पीएचसी से जुड़े मार्गो के सुढृढ़ीकरण की कार्रवाई भी तेज हो गई है. प्रदेश में कुल 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी है. जबकि शहरी पीएचसी की संख्या 592 है. अकेले राजधानी लखनऊ में 9 सीएचसी, 28 पीएचसी, 52 हेल्थ पोस्ट सेंटर और 8 शहरी पीएचसी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद प्रदेश के समस्त जिलों में स्थित सीएचसी और पीएचसी जाने वाले मार्गों को गड्ढामुक्त करने का अभियान तेज हो गया है. जर्जर सड़कों का निर्माण और मरम्मत कार्य तेजी से किया जा रहा है. इस कार्य को पूरा करने के लिये नगर विकास विभाग, नगर निगमों, पीडब्लयूडी, ग्राम पंचायतों, शहरी और ग्रामीण निकायों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रदेश में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में देरी न हो और समय से उनको इलाज मुहैया कराया जा सके.

यह भी पढ़ेः गाजियाबाद पिटाई मामले में नया मोड़, अब पैसों के लेनदेन की बात आई सामने

बरसात के मौसम को देखते हुए जहां अस्पतालों में इलाज के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं वहीं मरीजों को अस्पताल तक पहुचंने में दिक्कत न हो इसके लिये मार्गों के दुरुस्तीकरण की कार्रवाई भी तेजी से शुरू कर दी गई है. सरकार का मानना है कि मुख्य मार्गों से सीएचसी और पीएचसी जुड़ जाने के बाद एम्बुलेंस से मरीजों को इलाज के लिये पहुंचाने में कम समय लगेगा. गंभीर मरीजों को जल्द से जल्द इलाज मिलना संभव हो सकेगा. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालने के बाद से प्रदेश को बेहतर कल देने के लिये बेहतर कनेक्टिविटी की विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ किया. इसके तहत प्रदेश के पूर्वांचल एक्सप्रेस वे परियोजना, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना, गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना आदि तेजी से शुरू की गईं. सड़कों को गड्ढामुक्त करने का पूरे प्रदेश में अभियान चलाया गया.