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कानपुर के बाद अब कन्नौज में आईटी की रेड, व्यापारियों में खलबली

पीयूष जैन के यहां 160 करोड़ रुपए मिलने के बाद अब कन्नौज के राणू मिश्रा के यहां आईटी ने छापेमारी शुरू कर दी है. जिससे अन्य व्यापारियों में डर का माहौल है. कुछ लोग दबी जुबान से ये भी कह रहे हैं कि ये छापेमारी राजनीति से प्रेरित हैं.

Updated on: 24 Dec 2021, 08:53 PM

highlights

  • कन्नौज इत्र कारोबारी रानू मिश्रा के घर चल रही कार्रवाई 
  • पीयूष जैन के कन्नौज ठिकानों पर भी छापेमारी  
  • कन्नौज में 40 से ज्यादा कंपनी है पीयूष जैन की 

नई दिल्ली :

पीयूष जैन के यहां 160 करोड़ रुपए मिलने के बाद अब कन्नौज के राणू मिश्रा के यहां आईटी ने छापेमारी शुरू कर दी है. जिससे अन्य व्यापारियों में डर का माहौल है. कुछ लोग दबी जुबान से ये भी कह रहे हैं कि ये छापेमारी राजनीति से प्रेरित हैं. हालाकि अभी पीयूष जैन के यहां की भी कार्रवाई खत्म नहीं हुई है. बताया जा रहा है टीम ने रानू के घर को अंदर से बंद कर लिया है और जांच पड़ताल कर रही है. उधर, पीयुष जैन के घर पर अब भी डीजीआई के अधिकारी मौजूद हैं और वहां भी कार्रवाई चल रही है. खबर यह भी है कि शहर के अन्य कुछ इत्र व्यापारियों के घर पर भी छापे पड़ सकते हैं.

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गौरतलब है कि पीयूष जैन कनौज के बड़े व्यापारियों में शुमार हैं. वे 40 से ज्‍यादा कंपनियों के मालिक हैं. इनमें से दो कंपनियां मिडिल ईस्ट में हैं. कन्‍नौज में पीयुष की परफ्यूम फैक्‍ट्री, कोल्‍ड स्‍टोरेज और पेट्रोल पंप भी हैं. मुम्बई में पीयुष का हैड कार्यालय है. साथ ही वहां उनका एक बंगला भी है. पीयूष जैन इत्र का सारा बिजनेस मुंबई से करते हैं, यहीं से इनका इत्र विदेशों में भी भेजा जाता है. इनकम टैक्स को टैक्स चोरी के अलावा शेल कंपनियां बनाकर मोटी-रकम इधर-उधर करने के दस्तावेज मिले हैं. खबरों के अनुसार पीयूष जैन अखिलेश यादव के करीबी हैं. कहा जा रहा है कि उन्हीं के संरक्षण में इतना सबकुछ चल रहा था.

उधर, इस मामले के सामने आने के बाद से राजनीति भी बढ़ गई है. सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने ट्वीट कर लिखा है कि डबल इंजन की सरकार में लूट भी डबल हो गई. कानपुर का व्यापारी भी बीजेपी की हिस्सेदारी का ही आदमी है. बीजेपी का काला मन है इसीलिए वो जबरदस्ती व्यापारी को समाजवादी से जोड़ रही है. समाजवादी का व्यापारी के न इत्र से न बीजेपी के मित्र से कोई लेना देना नहीं. इससे पहले भाजपा के संबित पात्रा ने इस केस को लेकर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा था.