नोएडा में नियमों के उल्लंघन पर 1904 वाहनों का कटा चालान, 64 लोग गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में जारी धारा-144 व लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में रविवार को पुलिस ने 24 मामले दर्ज किए और 64 आरोपियों को गिरफ्तार किया.

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में जारी धारा-144 व लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में रविवार को पुलिस ने 24 मामले दर्ज किए और 64 आरोपियों को गिरफ्तार किया.

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Sushil Kumar
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उत्तर प्रदेश : विस्फोट करने की धमकी देने के मामले में शख्स गिरफ्तार

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में जारी धारा-144 व लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में रविवार को पुलिस ने 24 मामले दर्ज किए और 64 आरोपियों को गिरफ्तार किया. पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के मीडिया प्रभारी पंकज कुमार ने बताया, "रविवार को गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा धारा-144 और लॉकडाउन का अनुपालन कराने के लिए जगह-जगह तलाशी की जा रही है. इस दौरान 4512 वाहनों की पुलिस द्वारा चेक किया गया, जिसमें से 1904 वाहनों का चालान काटा गया, जबकि 22 वाहनों को सीज किया गया. 170250 रुपये पुलिस ने शमन शुल्क के रूप में वसूले हैं."

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धारा 188 के तहत कुल 24 लोगों पर मामले दर्ज

उन्होंने बताया, "धारा 144 सीआरपीसी के उल्लंघन में धारा 188 के तहत कुल 24 लोगों पर मामले दर्ज किए गए और 64 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. जिले में 200 चेकिंग बिंदुओं पर 24 घंटे बैरियर लगाकर पुलिस द्वारा चेकिंग भी की जा रही है. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए गौतमबुद्धनगर में शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक का प्रतिबंध घोषित किया गया है."

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तीन जुलाई की घटना में पुलिस की भूमिका की जांच करेगी

वहीं यूपी सरकार ने बिकरू गांव में तीन जुलाई को घात लगाकर पुलिसकर्मियों पर की गई गोलीबारी और आठ जवानों की शहादत एवं इस मामले के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के 10 जुलाई को एनकाउंटर में मारे जाने की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. न्यायिक जांच जस्टिस शशिकांत अग्रवाल (सेवानिवृत्त) के नेतृत्व में होगी और इनका मुख्यालय कानपुर होगा. जांच रिपोर्ट दो महीने में सौंपनी है. इस घटना के बाद एनकाउंटर में मारे गए अन्य अपराधियों को भी जांच के दायरे में लिया जाएगा. दुबे के साथ ही छह अपराधी तीन जुलाई से 10 जुलाई के बीच मारे गए. आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, न्यायिक आयोग पुलिस-अपराधी गठजोड़ की भी जांच करेगा. आयोग को यह सुझाव देने के लिए भी कहा गया है कि इस गठजोड़ को कैसे रोका जा सकता है. राज्य सरकार ने शनिवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम बनाई है जो तीन जुलाई की घटना में पुलिस की भूमिका की जांच करेगी.

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