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संजय निरुपम ( Photo Credit : फाइल फोटो)
राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मची रार के चलते कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल छाए हैं. पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस की हालत पर चिंता जताई तो अब संजय निरुपम पार्टी आलाकमान को नसीहत दी है. राजस्थान के राजनीतिक संकट का कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि बेहतर होगा, पार्टी सचिन पायलट को समझाए और रोके.
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संजय निरुपम ने सोमवार को अपनी चिंता जाहिर करते हुए ट्वीट में लिखा, 'बेहतर होगा,पार्टी सचिन पायलट को समझाए और रोके.' उन्होंने पार्टी आलाकमान पर इशारों पर हमला बोलते हुए कहा, 'शायद पार्टी में कुछ लोग यह सोच रहे हैं कि उसे जाना है तो जाए, हम नहीं रोकेंगे. यह सोच आज के संदर्भ में गलत है.' उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'माना कि किसी एक के जाने से पार्टी खत्म नहीं होती. लेकिन एक-एक कर सभी चले गए तो पार्टी में बचेगा कौन?'
बेहतर होगा,पार्टी सचिन पायलट को समझाए और रोके।
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) July 13, 2020
शायद पार्टी में कुछ लोग यह सोच रहे हैं कि उसे जाना है तो जाए,हम नहीं रोकेंगे।
यह सोच आज के संदर्भ में गलत है।
माना कि किसी एक के जाने से पार्टी खत्म नहीं होती।
लेकिन एक-एक कर सभी चले गए तो पार्टी में बचेगा कौन?#Rajasthan
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इससे पहले कपिल सिब्बल ने कांग्रेस की स्थिति को लेकर अपनी चिंता जताई थी. रविवार को कपिल सिब्बल ने भी इशारों-इशारों में पार्टी आलाकमान को नसीहत दी. अशोक गहलोत सरकार पर संकट मंडराते हुए देख कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'अपनी पार्टी के लिए चिंतित हूं. क्या हम तभी जागेंगे जब घोड़े हमारे अस्तबल से निकल जाएंगे.'
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गौरतलब है कि सचिन पायलट ने खुले तौर पर कहा है कि अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में हैं. उन्होंने दावा किया 30 से ज्यादा कांग्रेसी विधायक और कुछ निर्दलीय विधायकों का उन्हें समर्थन प्राप्त है. हालांकि राजस्थान में अपनी सरकार के लुढ़कने के कगार पर पहुंचती देखकर कांग्रेस के दिग्गजों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट और उनके डिप्टी सचिन पायलट के गुट में सुलह कराने के उपाय तलाशने शुरू कर दिए हैं. लेकिन राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे का कहना है कि सचिन पायलट फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि पायलट बात ही नहीं कर रहे हैं. जिससे कांग्रेस से पायलट का जाना तय माना जा रहा है.