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पुलिस भर्ती घोटाले को कोर्ट ने बताया मौत की सजा वाले जुर्म से भी ज्यादा संगीन

कर्नाटक में एक अदालत ने पुलिस सब इंस्पेक्टर की भर्ती में हुए घोटाले को लेकर कहा कि यह मामला आजीवन कारावास और मौत की सजा वाले अपराधों से भी ज्यादा गंभीर है. कलबुर्गी की सत्र अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की.

Updated on: 19 Jun 2022, 01:37 PM

highlights

  • मौत की सजा वाले अपराधों से भी ज्यादा गंभीर है भर्ती घोटाला
  • अदालत ने की आरोपितों की जमानत याचिका खारिज
  • 75% चयनित उम्मीदवारों के गड़बड़ी में शामिल होने को आरोप

कलबुर्गी/बेंगलुरु:

कर्नाटक में एक अदालत ने पुलिस सब इंस्पेक्टर की भर्ती में हुए घोटाले को लेकर कहा कि यह मामला आजीवन कारावास और मौत की सजा वाले अपराधों से भी ज्यादा गंभीर है. कलबुर्गी की सत्र अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. भर्ती परीक्षा में हुई इस गड़बड़ी का खुलासा बीते अप्रैल में ही हुआ था. जब फेल हुए छात्रों ने सोशल मीडिया पोस्ट पर वायरल हुए कंटेंट के आधार पर कोर्ट से दखल की मांग की थी.

कैसे हुआ गड़बड़ी का पर्दाफाश

दरअसल, कर्नाटक पुलिस सब इंस्पेक्टर (Police SI) की इस भर्ती के लिए 03 अक्तूबर 2021 को लिखित परीक्षा हुई थी, जिसमें 54,287 उम्मीदवारों ने भाग लिया था. इनमें से 545 का जनवरी 2022 में चयन हो गया. लेकिन भर्ती के बाद खुलासा हुआ कि चुने हुए 545 में से 75% उम्मीदवार एक फर्जीवाड़े में शामिल थे. गड़बड़ी का पता तब चला जब चुने हुए अभ्यर्थियों में एक का वस्तुनिष्ठ खंड में मात्र 31.5 अंक के सवालों के जवाब देने के बावजूद 121 अंकों के साथ चयन हो गया था. सोशल मीडिया पर इसके बारे में पता चलने पर न चुने जाने वाले उम्मीदवारों ने इसकी शिकायत पुलिस को दी.

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आरोपियों को नहीं मिली जमानत

कलबुर्गी के सत्र न्यायालय ने शनिवार को बीजेपी की पूर्व नेता दिव्या हागरागी की जमानत याचिका खारिज कर दी. याचिका में दिव्या ने एक महिला होने के नाते खुद का विशेष ध्यान रखे जाने की मांग की थी. याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि जुर्म की गहराई और समाज पर पड़ने वाले इसके व्यापक प्रभाव को गंभीरता से देखा जाना चाहिए, याचिकाकर्ता और बाकी आरोपित लोगों के इस कृत्य की वजह से योग्य उम्मीदवारों को परेशानी झेलनी पड़ी. 29 अप्रैल को सीआईडी ने हागरागी को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया था.

आखिर कैसे की गई इतनी बड़ी गड़बड़?

कहा जा रहा है कि SI भर्ती परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी रखने वाले अधिकारियों ने ही इस घोटाले को अंजाम दिया है. आरोप यह है कि उन्होंने परीक्षा के दौरान कुछ परीक्षार्थियों को नकल करने का मौका दिया. कर्नाटक के अधिकारी वैजनाथ पर इसके आरोप लग रहे हैं. वहीं सीआईडी (CID) ने अब तक भर्ती परीक्षा में बैठने वाले 42 उम्मीदवारों को भी गिरफ्तार किया है.