दक्षिण अफ्रीकी टीम संतुलित, डब्ल्यूटीसी फाइनल एक शानदार मैच होगा : मार्नस लाबुशेन
गुजरात: कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों को किया आश्वस्त, बोले- 'घबराइए मत, हालात पूरी तरह नियंत्रित '
मेरे खिलाफ दर्ज मामला गलत और फर्जी, मैंने मारपीट नहीं की: मनीष गुप्ता
'मुझे लगता है कि यह सही कदम है': रिकी पोंटिंग ने गिल को टेस्ट कप्तान बनाने का समर्थन किया
आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन करने के लिए ब्रिटेन को विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया धन्यवाद
पाकिस्तानी पुलिस के पूर्व एसआई से ज्योति मल्होत्रा की थी 'सीधी बातचीत' , पॉडकास्ट शो में दोनों दिखे थे साथ-साथ
YRKKH: अभीरा को रोते हुए इस तरह संभालेगा अरमान, शो में आएगा ये बड़ा ट्विस्ट
वैकल्पिक डेटा स्रोत और अग्रणी तकनीकें 'नीति निर्माण' के लिए महत्वपूर्ण: प्रोफेसर अजय कुमार सूद
पाकिस्तान को क्यों कहा जा रहा है 'टंकिस्तान', सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ये वीडियो

चेन्नई : रेमडेसिविर के लिए दिन भर कतार में रहने के बाद लोग खाली हाथ लौटे

लंबी कतार में खड़े कई लोगों को शुक्रवार को रेमडेसिविर का इंतजार था, लेकिन इन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा.

author-image
Ritika Shree
एडिट
New Update
Remdesivir injection

Remdesivir( Photo Credit : न्यूज नेशन)

देश में लगातार नए कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. बीते शुक्रवार को पहली बार 4 लाख से ज्यादा नए मरीज दर्ज किए गए हैं. ऐसे में सरकार वैक्सीन मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने की कोशिशों में है. बीते हफ्ते सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को 4500 करोड़ रुपए का एडवांस देने का फैसला किया है. वही चेन्नई के किलपॉक मेडिकल कॉलेज में सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक लंबी कतार में खड़े कई लोगों को शुक्रवार को रेमडेसिविर का इंतजार था, लेकिन इन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. किलपॉक मेडिकल कॉलेज प्रत्येक दिन शाम पांच बजे बंद हो जाता है. यहां लोगों और अस्पताल कर्मचारियों के बीच तीखी बहस भी होती रहती है. किलपॉक मेडिकल कॉलेज के सामने लंबी कतारें सुबह 5 बजे शुरू होती हैं, लेकिन दोनों काउंटर केवल सुबह 9 बजे खुलते हैं और रोजाना लगभग 500 लोगों को दवाइयां दी जाती हैं, हालांकि 2,500 से ज्यादा लोग दवा के लिए काउंटरों पर पहुंचते हैं. एम सेल्वसुब्रमण्यम, 49, जो तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले के हैं, सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कतार में खड़े थे. शुक्रवार को पूरे दिन कतार में खड़े होने के बावजूद उन्हें दवाई नहीं मिल पाई, जिससे वह निराश हो गए.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः ध्यान देंः रेमडेसिविर इंजेक्शन असली है या नकली, ऐसे करें पहचान

आईएएनएस से बात करते हुए, वे कहते हैं, "मैं सुबह से शाम तक खड़ा था, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ा. चेन्नई में एक वालंटियर संगठन ने मुझे बताया है कि वे स्वयंसेवकों को कतार में खड़े होने और मुझे दवा दिलाने में मदद कर सकते हैं. वे मुझसे प्रति दिन 1500 रुपये मांग रहे हैं और मैं इसका भुगतान करूंगा."

यह भी पढ़ेंः कोरोना संकट में खिलवाड़! लोगों की फर्जी कोविड रिपोर्ट बनाना था गिरोह, ऐसे पकड़े में आए एक डॉक्टर समेत 5 आरोपी

वही दुसरी ओर सरकार वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए विदेश में संभावनाएं तलाश रही है. दावा किया जा रहा है कि टीके की कमी के बीच टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए काम शुरू किया जा सकता है. इतना ही नहीं रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि भविष्य में किसी अन्य भारतीय वैक्सीन के लिए भी ऐसा ही किया जाएगा.

HIGHLIGHTS

  • कतार में खड़े कई लोगों को शुक्रवार को रेमडेसिविर का इंतजार था
  • शुक्रवार को पूरे दिन कतार में खड़े होने के बावजूद उन्हें दवाई नहीं मिल पाई

Source : IANS

ortage of vaccine chennai Remdesivir covid19 no vaccine
      
Advertisment