तमिलनाडु में दो महीने से अधिक समय बाद सड़कों पर उतरी बसें, झूम उठे लोग

चेन्नई में पहली बार ऑटोरिक्शा सड़कों पर उतरे जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में पहले ही इनके परिचालन को अनुमति दे दी गई थी.

चेन्नई में पहली बार ऑटोरिक्शा सड़कों पर उतरे जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में पहले ही इनके परिचालन को अनुमति दे दी गई थी.

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Kuldeep Singh
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तमिलनाडु में दो महीने से अधिक समय बाद सड़कों पर उतरी बसें, झूम उठे लोग( Photo Credit : फाइल फोटो)

चेन्नई एवं तीन अन्य जिलों को छोड़कर लॉकडाउन के 68 दिनों के बाद सीमित संख्या में सोमवार को सरकारी बसों का परिचालन शुरू हुआ. चेन्नई में पहली बार ऑटोरिक्शा सड़कों पर उतरे जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में पहले ही इनके परिचालन को अनुमति दे दी गई थी. इसके साथ ही राज्य के भीतर ही अहम स्थानों को जोड़ने के लिए रेल सेवा भी बहाल हो गई जो 24 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद से ही बंद थी. परिवहन सेवाएं बहाल होने पर आम लोगों ने खुशी जताई है.

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बसों और रेलगाड़ियों को संक्रमण मुक्त करने की प्रक्रिया के बाद चलाया जा रहा है. इसके अलावा चालक दल के सदस्यों और यात्रियों के शरीर के तापमान की जांच की जा रही है. तिरुनेलवेलि और मदुरै सहित विभिन्न शहरों के लोगों ने कहा कि बस सेवा बहाल करने से आम जनजीवन को सामान्य करने में मदद मिलेगी. मदुरै के एक यात्री ने कहा कि मैं बस और फिर दुपहिया से यात्रा करके खुश हूं. चेन्नई और उससे जुडे़ चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लुवर जिलों में कोविड-19 के अधिक मामले आने की वजह से बसों और रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू नहीं किया गया है.

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उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में 31 मई तक 22,333 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है जिनमें से 14,802 संक्रमित चेन्नई के हैं. इनके अलावा चेंगलपेट में 1,177, कांचीपुर में 407 और तिरुवल्लुवर में 948 मामले सामने आए हैं. इन चार जिलों में ही तमिलनाडु के 77.61 प्रतिशत कोविड-19 मरीज हैं. बसों और रेलगाड़ियों में अधिकतर लोग मास्क पहने दिखे. उन्हें हाथ साफ करने के लिए सेनेटाइजर मुहैया कराया गया. बसों के लिए तमिलनाडु में बनाए गए छह जोन कोयंबटूर, धर्मपुरी, विल्लुपुरम, तंजावुर, मदुरै और तिरुनेलवेलि में करीब 50 प्रतिशत बसों का परिचालन किया गया.

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सरकार ने बसों की क्षमता के अनुपात में 60 प्रतिशत यात्रियों को ले जाने की अनुमति दी है लेकिन शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक उम्मीद से कम यात्री सड़कों पर उतरे. इस बीच, चेन्नई की सड़कों पर ऑटोरिक्शा की वापसी हुई और कुछ वाहनों में यात्रियों के बैठने के स्थान पर सेनेटाइजर की शीशी दिखाई दी. राज्य के कुछ हिस्सों में 23 मई को ही ऑटो रिक्शा चलाने की अनुमति दे दी गई थी. दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक ने बताया कि कोयंबटूर- मइलाडुतुरै विशेष जनशताब्दी, मदुरै-विल्लुपुरम विशेष इंटरसिटी सुपरफास्ट और कोयंबटूर -कटपड़ी इंटरसिटी सुपरफास्ट विशेष रेलगाड़ी का परिचालन शुरू किया गया है.

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वरिष्ठ अधिकारी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि सामाजिक दूरी, हाथों को संक्रमण मुक्त करने, मास्क पहनने और शरीर का तापमान लेने सहित अन्य दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया गया. रेलवे ने कोयंबटूर- मइलाडुतुरै, मदुरै-विल्लुपुरम, तिरुचिरापल्ली-नागरकोविल और कोयंबटूर -कटपड़ी रूट पर रेलगाड़ियों के परिचालन की घोषणा की है. इनके अलावा हफ्ते में दो दिन चेन्नई- दिल्ली राजधानी विशेष रेलगाड़ी का परिचालन जारी रहेगा. तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक परिवहन के लिए राज्य को आठ जोन में बांटा है. अंतर जोन यात्रा के लिए (चेन्नई और उससे सटे तीन जिलों को छोड़कर) ई-पास लेना अनिवार्य है. गौलतलब है कि 24 मार्च की शाम से बस और ऑटोरिक्शा सेवाएं रोक दी गई थी. 

Source : Bhasha

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