logo-image

ED के बाद अब IT ने पकड़ा धनकुबेर, 150 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी मिली

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी अर्पिता मुखर्जी के घरों से ईडी के छापे में 41 करोड़ रुपए कैश और 6 किलो सोना मिलने के बाद अब इनकम टैक्स विभाग ने बड़ा खुलासा किया है.

Updated on: 28 Jul 2022, 11:11 PM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी अर्पिता मुखर्जी के घरों से ईडी के छापे में 41 करोड़ रुपए कैश और 6 किलो सोना मिलने के बाद अब इनकम टैक्स विभाग ने बड़ा खुलासा किया है. आईटी ने दो व्यापारियों के 150 करोड़ रुपए से भी अधिक की बेहिसाब संपत्ति मिलने का खुलासा किया है. आयकर विभाग ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने 20 जुलाई को दो व्यापारिक समूहों पर एक तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था. उनमें से एक रियल एस्टेट से जुड़ा है और दूसरा सड़क और रेलवे निर्माण से संबंधित अनुबंध लेता है. एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि तलाशी अभियान में 150 करोड़ रुपए से भी अधिक की बेहिसाब आय का खुलासा हुआ है.

तलाशी अभियान के दौरान आयकर विभाग ने मदुरै, चेन्नई और उसके आसपास स्थित 30 से अधिक परिसरों को कवर किया. आईटी के एक अफसर के मुताबिक छापे के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डेटा सहित बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सबूत पाए गए हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है. दरअसल, आयकर विभाग को सूचना मिली थी कि समूह ने बेहिसाब नकदी स्वीकार करके बड़े पैमाने पर कर चोरी की है.

ये भी पढ़ेंः 'राष्ट्रपत्नी' विवाद पर अधीर चौधरी की सफाईः बोले-मैं बंगाली हूं, हिंदी अच्छी नहीं होने से गलती हो गई

निर्माण ठेकों के व्यवसाय में शामिल दूसरे समूह के मामले में यह पाया गया कि समूह फर्जी उप-अनुबंध व्यय और स्व-निर्मित वाउचर के माध्यम से विभिन्न कच्चे माल की खरीद की मुद्रास्फीति को डेबिट करके बड़े पैमाने पर कर चोरी में शामिल था. समूह द्वारा अपनाए गए तौर-तरीकों में बैंकिंग चैनलों के माध्यम से फर्जी उप-ठेकेदारों को अनुबंध राशि का भुगतान किया गया था और निर्धारित समूह को नकद वापस कर दिया गया था. आईटी के एक अधिकारी ने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान 14 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी और 10 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के बेहिसाब सोने और आभूषण जब्त किए गए. हालांकि, आयकर विभाग के अफसरों ने इन दोनों व्यापारिक समूहों या उनके फर्म के नाम बताने से इनकार कर दिया.