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कोरोना के कहर के बीच बच्चों के साथ निकाली तिरंगा यात्रा, पूरे गांव में घुमाया डीजे

जब पूरी दुनिया कोरोना की जद में है. ऐसे में देश में भी स्वतंत्रता दिवस काफी सावधानी से मनाया गया. दिल्ली से लेकर जयपुर तक स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों में छोटे बच्चों को दूर रखा गया लेकिन दौसा के एक गांव में कोरोना के बावजूद भी बच्चों के स्वास्थ्य

Updated on: 15 Aug 2020, 04:24 PM

दौसा:

जब पूरी दुनिया कोरोना की जद में है. ऐसे में देश में भी स्वतंत्रता दिवस काफी सावधानी से मनाया गया. दिल्ली से लेकर जयपुर तक स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों में छोटे बच्चों को दूर रखा गया लेकिन दौसा के एक गांव में कोरोना के बावजूद भी बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हुआ और यहां बच्चों की रैली निकाल दी और इस रैली को नाम दिया तिरंगा यात्रा. पिछले 5 महीनों से जब से कोरोना ने पांव पसारना शुरू किया है. तब से इस तरह के दृश्य मुश्किल ही दिखाई देते हैं और तो और बच्चों के दृश्य तो पूरी तरह दिखाई देना बंद हो गए हैं. पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जगह-जगह अनेक कार्यक्रम भी हुए लेकिन कोरोना के चलते छोटे बच्चों को इन कार्यक्रमों से दूर रखा गया.

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 बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

कार्यक्रम चाहे ग्रामीण स्तर का हो या फिर जिले स्तर का, राज्य स्तर का हो और देश स्तर का सभी जगह बच्चे कार्यक्रम से दूर रहे ताकि कोरोनावायरस का संक्रमण ना फैल सके. लेकिन दौसा के मुही गांव में तो बच्चों के स्वास्थ्य के साथ जमकर खिलवाड़ हुआ यहां के सरपंच पंकज शर्मा ने बच्चों को बुलाया और तिरंगा यात्रा का आयोजन कर दिया. पूरे गांव में देशभक्ति गीतों के बीच डीजे चलाया गया और इस डीजे की धुन पर तिरंगा यात्रा निकाली गई. इस तिरंगा यात्रा में अधिकतर छोटे बच्चों ने हिस्सा लिया. वहीं गांव के अन्य लोग भी शामिल हुए. इस तिरंगा यात्रा में ना तो सोशल डिस्टेंस की पालना हो रही थी और ना ही किसी ने मास्क लगा रखा था. मास्क लगाने वाले इक्के दुक्के लोग ही नजर आ रहे थे.

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देशभक्ति दिल और मन में होनी चाहिए

अधिकतर बच्चों ने मास्क नहीं लगा रखा था. ऐसे में जहां पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है. वहीं दूसरी ओर इस तरह की लापरवाही के दृश्य भी सामने आ रहे हैं. यह बात सही है कि देश भक्ति जरूरी है लेकिन कोरोना के संकट में देशभक्ति दिल और मन में होनी चाहिए ना कि इस तरह सड़क पर. मुही गांव में हुए इस आयोजन के लिए आयोजकों ने किसी भी प्रशासनिक अधिकारी से अनुमति तक भी नहीं ली थी. ऐसे में बिना अनुमति के भीड़ वाला कार्यक्रम और जिसमें बच्चे भी शामिल हो, उसे इस कोरोना संकट में सही नहीं ठहराया जा सकता.