Rajasthan: माली के कायेस प्रांत में स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री से 1 जुलाई 2025 को तीन भारतीय नागरिकों का अपहरण हुए 13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक उनके परिजनों को कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है. अपहृतों में राजस्थान के जयपुर निवासी प्रकाश चंद्र जोशी भी शामिल हैं. उनकी पत्नी सुमन जोशी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हथियारबंद हमलावरों ने उनके पति को जबरन अगवा कर लिया.
अपहरण के पीछे किसका हाथ?
अब तक न तो माली सरकार और न ही फैक्ट्री या कंपनी की ओर से इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान सामने आया है. हालांकि, जिस दिन यह अपहरण हुआ, उसी दिन अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन जमात नुसरत अल-इस्लाम वल मुस्लिमीन (JNIM) ने माली में कई आतंकी हमले करने का दावा किया था. इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि अपहरण के पीछे भी इसी संगठन का हाथ हो सकता है.
माली में करीब 400 भारतीय नागरिक
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस समय माली में करीब 400 भारतीय नागरिक रहते हैं. भारत और माली के बीच 1990 के दशक से व्यापारिक संबंध हैं. अपहृतों को जिस डायमंड सीमेंट फैक्ट्री से उठाया गया, वह भारतीय समूह प्रसादित्य ग्रुप द्वारा संचालित की जाती है. इस घटना से पहले अप्रैल 2025 में नाइजर में भी पांच भारतीयों का अपहरण हो चुका है.
कैसे हैं माली के हाल
माली, नाइजर और बुर्किना फासो जैसे अफ्रीकी देश पिछले एक दशक से अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट (IS) से जुड़े उग्रवादियों से जूझ रहे हैं. 2012 में उत्तरी माली से शुरू हुआ यह संघर्ष अब पूरे साहेल क्षेत्र में फैल चुका है. ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (GTI) ने इस क्षेत्र को 'वैश्विक आतंकवाद का केंद्र' करार दिया है.
मंत्रालय ने दी ये प्रतिक्रिया
भारत के विदेश मंत्रालय ने अपहरण की घटना के बाद एक बयान जारी कर माली में रह रहे भारतीयों को सतर्क रहने और बामाको स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क में रहने की सलाह दी है. मंत्रालय ने कहा कि वे माली की सरकार, फैक्ट्री प्रबंधन और पीड़ितों के परिवारों के साथ लगातार संपर्क में हैं.
वहीं, अपहृतों के परिजनों का कहना है कि उन्हें अब तक अपने प्रियजनों की स्थिति के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है, जिससे उनकी चिंता और भी बढ़ गई है.
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