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राजभवन पर हुई नारेबाजी से निंदनीय कुछ भी नहीं है : GC कटारिया

राजस्थान में सियासी घमासान के बीच राजस्थान उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सचिन पायलट गुट को राहत देते हुए स्पीकर के नोटिस पर फिलहाल के लिए स्टे लगा दिया है. जिसके बाद अब राजस्थान का ड्रामा कोर्ट से सीधे राजभवन में शिफ्ट हो गया है. अशोक गहलोत सरकार के समर्थक कांग्रेस विधायक शुक्रवार को राजभवन पहुंचे. जयपुर के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक होटल से ये सभी विधायक राजभवन आए.

Updated on: 24 Jul 2020, 06:14 PM

जयपुर:

राजस्थान में सियासी घमासान के बीच राजस्थान उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सचिन पायलट गुट को राहत देते हुए स्पीकर के नोटिस पर फिलहाल के लिए स्टे लगा दिया है. जिसके बाद अब राजस्थान का ड्रामा कोर्ट से सीधे राजभवन में शिफ्ट हो गया है. अशोक गहलोत सरकार के समर्थक कांग्रेस विधायक शुक्रवार को राजभवन पहुंचे. जयपुर के बाहरी क्षेत्र में स्थित एक होटल से ये सभी विधायक राजभवन आए. ये विधायक विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से सामूहिक आग्रह करने के लिए पहुंचे.

इस मुद्दे पर राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री खुद अपने जाल में फंस गए हैं. प्रारंभ से अब तक इन्हें निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला और आज राजभवन घेरकर उन्होंने पद की गरिमा को गिराने वाला काम किया है.

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उन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस के भरोसे कानून व्यवस्था को न छोड़कर सीआरपीएफ को तैनात करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि स्थिति को देखते हुए राजस्थान की पुलिस के भरोसे कानून व्यवस्था न छोड़कर सीआरपीएफ को निश्चित रूप से यहां पोस्ट करना चाहिए.

आपको बता दें कि सीएम अशोक गहलोत की ओर से दो बार विधायकों की बैठक बुलाई गई. लेकिन सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक इस बैठक में शामिल नहीं हुए. इसके बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद और उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया.

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इसके बाद सभी पायलट समर्थक विधायकों को बागी घोषित कर दिया गया. जिसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने इन विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. इसके बाद सचिन पायलट गुट हाईकोर्ट पहुंच गया.