New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/07/25/kalrajmishraashokgehlot-39.jpg)
CM और राज्यपाल में टकराव तेज, राजभवन ने सवालों के साथ लौटाई फाइल( Photo Credit : फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
CM और राज्यपाल में टकराव तेज, राजभवन ने सवालों के साथ लौटाई फाइल( Photo Credit : फाइल फोटो)
राजस्थान (Rajasthan) में सत्ताधारी कांग्रेस की अंदरूनी कलह अब सरकार और राजभवन के बीच की लड़ाई में बदल चुकी है. विधानसभा के विशेष सत्र को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल आमने-सामने आ चुके हैं. अब इन दोनों के बीच का टकराव और तेज हो गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने विधानसभा का सत्र आहूत करने के लिए संशोधित दूसरा प्रस्ताव राजभवन भेजा था. मगर राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने इस प्रस्ताव को भी कुछ ने सवालों के साथ वापस लौटा दिया है.
यह भी पढ़ें: हरियाणा में नेहरू-गांधी परिवार की संपत्तियों की होगी जांच, खट्टर सरकार का फैसला
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान राजभवन ने विधानसभा सत्र बुलाने से संबंधित फाइलें राज्य के संसदीय कार्य विभाग को वापस कर दीं हैं. राजभवन ने राज्य सरकार से कुछ अतिरिक्त विवरण भी मांगा है. सूत्रों ने यह भी बताया है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. जिससे राज्य सरकार और राजभवन के बीच में टकराव बढ़ गया है.
गौरतलब है कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों द्वारा कांग्रेस के खिलाफ बागी तेवर अपना लिए जाने के बाद से गहलोत सरकार अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. इसी के मद्देनजर गहलोत राज्यपाल पर विधानसभा में बहुमत साबित करने का मौका देने के लिये दबाव बना रहे हैं. इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्य सरकार से 6 बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था.
यह भी पढ़ें: डरी कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट से वापस ले सकती है स्पीकर की याचिका, मामला फंस जाने का अंदेशा
जिसके बाद राजस्थान में सरकार बचाने की चुनौती का सामना कर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नीत मंत्रिमंडल ने 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को दूसरा संशोधित प्रस्ताव भेजा था. मगर फिलहाल राज्यपाल ने कुछ जानकारी मांगने के साथ इस प्रस्ताव को भी लौट दिया है. ज्ञात हो कि राजस्थान में 200 सदस्यों वाली विधानसभा में 19 असंतुष्ट विधायकों सहित कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 72 विधायक हैं.