Rajasthan Politics: कांग्रेस में शामिल 6 BSP विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई
राजस्थान विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा.
नई दिल्ली/जयपुर:
राजस्थान विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा. इन विधायकों ने अपनी अयोग्यता पर राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित केस सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने की मांग की है. इसके अलावा मंगलवार को ही कोर्ट बीजेपी विधायक मदन दिलावर की इस मांग पर भी सुनवाई करेगा कि कांग्रेस में शामिल हुए इन विधायकों को आने वाले विधानसभा सत्र में मतदान का अधिकार न मिले.
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राजस्थान में बसपा से कांग्रेस में विलय करने वाले 6 विधायकों ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. छह विधायकों ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने को लेकर उनके खिलाफ (राजस्थान) उच्च न्यायालय में लंबित अयोग्यता याचिका को वह खुद अपने पास स्थानांतरित कर ले.
विधायकों की दलील है कि संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता पर सवाल उठाने वाली इसी तरह की याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में लंबित हैं. इसलिए, राजस्थान उच्च न्यायालय में उनके खिलाफ दायर याचिका शीर्ष न्यायालय में स्थानांतरिक की जानी चाहिए. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायकों ने अपनी याचिका में कहा कि यह न्याय के हित में होगा कि यह विषय शीर्ष न्यायालय में स्थानांतरित किया जाए और वहां दायर इसी तरह की याचिकाओं के साथ उसकी भी सुनवाई की जाए.
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उधर, राजस्थान उच्च न्यायलय में भी इन विधायकों को लेकर दो याचिकाओं पर पहले से ही सुनवाई चल रही है. एक याचिका भाजपा विधायक मदन दिलावर ने दायर की है, जबकि दूसरी याचिका बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने दायर की है. दिलावर ने बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती देते हुए विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी के उस आदेश पर सवाल उठाया. जिसके तहत उन्होंने उनका (दिलावर का) पक्ष सुने बगैर उनकी शिकायत खारिज कर दी. मिश्रा ने विधायकों के दल बदल को चुनौती दी है, लेकिन उन्होंने इस याचिका को उच्चतम न्यायालय स्थानांतरित किये जाने की मांग नहीं की है.
ज्ञात हो कि संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुढ़ ने 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था, लेकिन बाद में वे दल बदल कर सितंबर 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इस विलय से राज्य में अशोक गहलोत नीत सरकार को मजबूती मिली और 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस की संख्या बढ़ कर 107 हो गई. इस बीच, सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों के बगावत करने के बाद राज्य में जारी राजनीतिक संकट शुरू हो जाने के बाद यह घटनाक्रम हुआ है.
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