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कांग्रेस में विलय करने वाले BSP विधायकों को राजस्थान HC का नोटिस, स्पीकर से भी मांगा जवाब

बीएसपी को यह मंजूर नहीं है. इसे लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. गुरुवार यानी आज इस मामले की सुनवाई हुई. जिसमें राज्यसभा सदस्य और पेशे से वकील सतीश मिश्रा की ओर से दलील रखी गई.

Updated on: 30 Jul 2020, 05:07 PM

नई दिल्ली :

राजस्थान की सियासत में उठापटक अभी तक जारी है. बहुजन समाज पार्टी  (BSP) ने हाईकोर्ट का अब दरवाजा खटखटाया है. इसके पीछे वजह है बीएसपी के छह विधायकों का कांग्रेस में विलय हो जाना. दरअसल, बीएसपी के छह विधायको ने राज्सथान के चुनाव के बाद कांग्रेस में विलय कर लिया था.

लेकिन अब बीएसपी को यह मंजूर नहीं है. इसे लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. गुरुवार यानी आज इस मामले की सुनवाई हुई. जिसमें राज्यसभा सदस्य और पेशे से वकील सतीश मिश्रा की ओर से दलील रखी गई.

सुनवाई के दौरान बीएसपी ने कोर्ट में तर्क दिया कि वो एक राष्ट्रीय पार्टी हैं, ऐसे में राज्य स्तर पर विधायक किसी दूसरी पार्टी में विलय नहीं कर सकते हैं. इसके साथ ही बीएसपी ने स्पीकर पर आरोप लगाया कि स्पीकर जानबूझकर पूरे मामले को खींच रहे हैं.

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सुनवाई के बाद राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से बीएसपी के सभी 6 विधायकों (कांग्रेस में विलय कर चुके), विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा सचिव को नोटिस जारी किया गया है. अदालत की ओर से सभी से 11 अगस्त तक जवाब देने को कहा गया है.

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बता दें कि जब राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच रार हुआ तो बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati)  ने व्हिप जारी किया गया था कि विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ वोट करें. जिसपर विधायकों का कहना था कि वो अब कांग्रेस में हैं और अशोक गहलोत के साथ हैं, बीएसपी का व्हिप मान्य नहीं होता है.