डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर राजस्थान पूरी तरह से सतर्क, किया ये इंतजाम
कोरोना वायरस संक्रमण के नए वैरिएंट को लेकर राजस्थान सरकार पूरी तरह से सतर्क है. राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा (Health Minister Raghu Sharma) ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस से संक्रमित एक मरीज बीकानेर में ट्रेस हुआ है.
highlights
- राजस्थान कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर सतर्क
- सरकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कर रही मजबूत
- अभी तक 11 राज्यों में 48 संक्रमित डेल्टा प्लस के मिले
जयपुर:
कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Virus Infection) के नए वैरिएंट (New Delta Plus Variant) को लेकर राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) पूरी तरह से सतर्क है. राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा (Health Minister Raghu Sharma) ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस से संक्रमित एक मरीज बीकानेर में ट्रेस हुआ है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यहां खुशी की बात यह है कि पाया गया डेल्टा प्लस का ये मरीज अब रिकवर भी हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार नए वेरिएंट को लेकर पूरी तरह सजग और सतर्क है. बीकानेर में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम व्यापक स्तर पर शुरू कर दिया गया है और माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिए गए हैं ताकि संक्रमण का प्रसार ना हो.
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश के 11 राज्यों में 48 मरीज डेल्टा प्लस से संक्रमित पाए गए हैं. देश में 10 जगह जीनोम सिक्वेंसिंग का काम हो रहा है. राजस्थान के एसएमएस मेडिल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग का काम शुरू हो गया है. सैंपल्स की जांचें की जा रही हैं. इससे यह पता चल सकेगा कि नया वेरिएंट कौनसा है. उन्होंने बताया कि वेरिएंट के अनुसार ही ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल तय इलाज शुरू किया जा सकता है. डॉ. शर्मा ने शनिवार को जयपुर के सेठी कॉलोनी स्थित एस आर गोयल (सेटेलाइट) हॉस्पीटल में तीसरी लहर से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों का निरीक्षण के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी बच्चों के अस्पतालों के आधारभूत ढांचे को मजबूत कर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
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अस्पताल में बढ़ सकेंगे 125 बेड, लगेगा ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि सेठी कॉलोनी स्थित सेटेलाइट अस्पताल में पीकू, नीकू और एसएनसीयू को मिलाकर 27 से 30 बैड हैं. आपातकाल में क्रिटिकल केयर हॉस्पीटल के रूप में बेड की संख्या बढ़ाकर 125 तक की जा सकती है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में 400 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करने का भी प्लांट लगाया जा रहा है. साथ ही 90 ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर भी अस्पताल के लिए उपलब्ध कराए हैं. सेंट्रलाइज ऑक्सीजन प्लांट की लाइन अस्पताल में लगी हुई है. अस्पताल में आक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री के निर्देशन में पहली और दूसरी वेव का मुकाबला किया उसी तरह तीसरी लहर से भी आमजन को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को किया जा रहा मजबूत
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रदेश की 332 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को चिकित्सकीय सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है. इन्हें फंडिंग कर यहां 4-5 बेडेड आईसीयू, सेंट्रलाइज ऑक्सीजन पाइपलाइन, ऑक्सीजन उत्पादन के प्लांट लगाए जा रहे हैं ताकि आमजन को स्थानीय स्तर इलाज मिल सके और जिला स्तर के अस्पतालों का भार कम हो. उन्होंने कहा कि राज्य में चिकित्सकीय आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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वैक्सीनेशन और प्रबंधन में राजस्थान अव्वल
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन और चिकित्सा संस्थानों के सुदृढ़ीकरण पर व्यापक स्तर पर काम कर रही है. प्रदेश के शुक्रवार को 10 लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया गया. राजस्थान न केवल वैक्सीनेशन में देश भर में अव्वल है बल्कि कोरोना प्रबंधन में अन्य राज्यों केे लिए प्रेरणीय रहा है. विभाग ने 15 लाख से ज्यादा वैक्सीनेशन प्रतिदिन करने के क्षमता हासिल कर ली है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगा चुके हैं. यदि केंद्र सरकार लगातार वैक्सीन उपलब्ध कराती है तो प्रदेशवासियों का समयबद्ध तरीके से वैक्सीनेशन किया जा सकेगा.
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आत्मअनुशासन से ही बचाव संभव
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बेहतर कोरोना प्रबंधन का ही नतीजा है कि प्रदेश में दो दिन से मृत्यु का आंकड़ा जीरो रहा है. प्रदेश की रिकवरी रेट भी 98.81 हो गई है, साथ ही एक्टिव केसेज लगभग 1700 रह गए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना कमजोर जरूर हुआ है लेकिन गया नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर में थोड़ी सी भी लापरवाही तीसरी लहर की वजह बन सकती है. उन्होंने तीसरी लहर से बचने के लिए प्रदेशवासियों को बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने, मास्क पहनकर बाहर जाने, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने और बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह भी दी. उन्होंने कहा कि केवल आत्मअनुशासन को अपनाकर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है.
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