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Rajasthan: पीएम मोदी की जनसभा से कांग्रेस का पारा हाई, फिर सचिन पायलट ने बढ़ाई टेंशन

Rajasthan Assembly Election : राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) हो या कांग्रेस, सभी राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं. इस बीच पीएम मोदी की जनसभा से कांग्रेस का पारा हाई हो गया है.

Updated on: 31 May 2023, 07:29 PM

नई दिल्ली:

Rajasthan Assembly Election : राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा हो या कांग्रेस, सभी राजनीतिक दल अभी से ही तैयारी में जुट गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा से कांग्रेस का सियासी पारा हाई हो गया है. राजस्थान कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी मनमुटाव को पार्टी आलाकमान खत्म करने का प्रयास कर रहा है. इस बीच सचिन पायलट का बड़ा बयान सामने आया है, जिससे कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है. 

देश की राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट का तबल किया गया था. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों नेताओं के साथ बैठक करके सुलह का ऐलान किया था, लेकिन कांग्रेस अलाकमान के इस प्रयास पर फिर पानी फिर गया. सचिन पायलट ने बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वे अपनी मांगों पर अलट हैं. अगर 15 दिन के अंदर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे. 

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन में चाहे मैं किसी पद पर हूं या न हूं प्रदेश के नौजवानों की बात को रखने में कोई कमी नहीं रखी. आप हमेशा मुझे अपना समर्थन देते हैं और मैं भी आपके लिए हमेशा खड़ा हूं. किसी को गलतफहमी पालनी नहीं चाहिए आपका और मेरा नाता अटूट है इसे कोई नहीं तोड़ सकता है.

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उधर, पीएम नरेंद्र मोदी भी चुनाव अभियान का आगाज करने पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी ने अजमेर जिले में पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में पूजा पाठ किया. इसके बाद उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति रही है कि गरीबों को भरमाओ और तरसाओ... इसके बाद सचिन पायलट ने पीएम मोदी की रैली पर कहा कि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व सक्षम नहीं है... पिछले साढ़े चार वर्षों में भाजपा ने सदन में और सदन के बाहर ये प्रमाण नहीं दिया कि वो मजबूत विपक्ष है. उनके पास विधायकों की संख्या ठीक है फिर भी वो सभी मुद्दों पर फेल हुए हैं. भाजपा से जनता उम्मीद खो चुकी है.