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राजस्थान में पॉलिटिकल अनलॉक की तैयारी! मंत्रिमंडल फेरबदल की तैयारी में कांग्रेस

राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच गतिरोध बना हुआ है, जिसे खत्म करने लिए जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार किया जा सकता है.

Updated on: 13 Jun 2021, 09:03 AM

highlights

  • राजस्थान में कैबिनेट विस्तार की कवायद
  • मंत्रिमंडल फेरबदल की तैयारी में कांग्रेस
  • राजनीतिक नियुक्ति का सिलसिला होगा शुरू

जयपुर:

राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच गतिरोध बना हुआ है, जिसे खत्म करने लिए जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार किया जा सकता है. कांग्रेस मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी में हैं और राजनीतिक नियुक्ति का सिलसिला भी शुरू होगा. कांग्रेस से जुड़े एक सूत्र ने संकेत दिए हैं कि प्रदेश नेतृत्व और आलाकमान ने मंत्रिमंडल फेरबदल की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. असंतुष्टों को भी जगह देकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश रहेगी. सूत्र ने बताया है कि एक या दो दिन में पूरा मुद्दा सुलझा लिया जाएगा.

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सूत्र बताते हैं कि राजस्थान में फिर से उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चाएं हैं. डॉ. सीपी जोशी को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. सीपी को मंत्री बनाकर उनकी सियासी कुशलता को इस्तेमाल करने के बारे में सोचा जा रहा है. ऐसा होने पर राजेंद्र पारीक-डॉ. जितेंद्र सिंह स्पीकर बन सकते हैं. जोशी अगर स्पीकर पद पर ही बने रहे तो महेश जोशी को मंत्रालय मिल सकता है. हालांकि इस बारे में फैसला आलाकमान के हाथ में है. इससे पहले डॉ. सीपी जोशी से विचार जाने जाएंगे. पहले एक बार वो अपना मन शायद बता चुके हैं.

सूत्रों के अनुसार, भंवरलाल मेघवाल के निधन के कारण रिक्त हुए स्थान पर दो नाम चर्चा में हैं. ममता भूपेश को अपग्रेड कर कैबिनेट मंत्री बनाया जाए या फिर परसराम मोरदिया अथवा खिलाड़ीलाल बैरवा को जगह मिले. आदिवासी चेहरे महेन्द्रजीत मालवीय को भी फ्रंट में लाया जा सकता है. राजपूत नेतृत्व को लेकर माथापच्ची है. भरत सिंह सांगोद का नाम तेजी से चला है. उधर पायलट कैंप से नाम है दीपेंद्र सिंह शेखावत का. तीसरा नामतेज तर्रार गहलोत समर्थक राजेंद्र सिंह गुढ़ा का है.

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सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट विस्तार के लिए एक नए फॉर्मूले पर विचार हो रहा है. चार विधायकों के समर्थन से एक मंत्री बनाने पर विचार किया जा रहा है. अर्थात राजस्थान में कांग्रेस के कुल 106 विधायक हैं. इसके साथ ही निर्दलीय 13, RLD 1, BTP 2 और वामपंथी दल के 2 विधायक हैं. इन सभी विधायकों का भी मुख्यमंत्री गहलोत को समर्थन है. ऐसे में कांग्रेस और समर्थक विधायकों की संख्या 124 है, जबकि राजस्थान में कुल 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं. इसलिए नए फॉर्मूले के अनुसार विधायकों की संख्या के अनुपात में मंत्री बनाए जाने पर विचार हो रहा है.

पायलट के समर्थन में बाड़ाबंदी में कुल 19 विधायक गए थे. ऐसे में पायलट कैम्प के चार से पांच विधायकों को मंत्री पद की कुर्सी मिल सकती है. हालांकि दिल्ली में पायलट कैम्प से जुड़े सूत्र का कहना है कि हम तो संगठन के आदमी, पार्टी जो चाहे वो कराए, लेकिन पार्टी ने जो वादे किए वो तो पूरे करने पड़ेंगे ही. सूत्र ने बताया कि प्रियंका गांधी की पायलट से लगातार फोन पर बात हो रही है. पायलट को खुद के लिए कोई पद नहीं चाहिए, लेकिन पायलट अपने साथ के विधायकों को पद और सम्मान दिलाना चाहते हैं.

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इसी प्रकार राजनीतिक नियुक्तियों में भी नया फॉर्मूला लागू हो सकता है. अगले सप्ताह जिला स्तरीय नियुक्तियां शुरू होंगी. डोटासरा जिला स्तरीय सूची तैयारी कर चुके हैं. अब जारी करने के लिए हरी झंडी का इंतजार है. गहलोत-माकन का इशारा मिलते ही सूचियां जारी होंगी. पायलट ग्रुप के नेताओं को भी इनमें जगह दी जाएगी. लेकिन अंतिम मुहर सीएम गहलोत ही लगाएंगे.