कांग्रेस की 'नीतियों' के खिलाफ बोले राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष डाटोसरा, सावरकर का किया समर्थन
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सावरकर की हिंदू राष्ट्र की अवधारणा का समर्थन और आजादी के आंदोलन में उनके योगदान को स्वीकार करने वाले बयान से बीजेपी को कांग्रेस पर सियासी हमले का मौका मिल गया.
highlights
- कांग्रेस बोली सावरकर की हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा गुनाह नहीं
- कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने दिया बयान
- बयान के बाद राजस्थान कांग्रेस में मची खलबली
जयपुर:
सावरकर की हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को लेकर अक्सर बीजेपी पर हमला करने वाली कांग्रेस अब इसी मुद्दे पर खुद घिर गई. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सावरकर की हिंदू राष्ट्र की अवधारणा का समर्थन और आजादी के आंदोलन में उनके योगदान को स्वीकार करने वाले बयान से बीजेपी को कांग्रेस पर सियासी हमले का मौका मिल गया. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस को आखिरकार सद्बुद्धि आ ही गई. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का ये भाषण कांग्रेस के लिए गले की हड्डी बन गया. डोटासरा ने एक दिन पहले 9 अगस्त को कांग्रेस दफ्तर में एक कार्यक्रम में कहा था कि आजादी के आंदोलन में वीर सावरकर की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता और उस वक्त सावरकर की हिंदू राष्ट्र की बात करना भी गुनाह नहीं था. बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि काफी देर कर दी लेकिन आखिरकार बुद्धू लौटकर घर आ गया. जिस वीर सावरकर की हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को लेकर कांग्रेस अब तक बीजेपी पर हमलावर थी. उसी को लेकर अब बीजेपी कांग्रेस को घेरेगी.
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वहीं बरिष्ठ पत्रकार राजीव तिवाड़ी ने सावरकर पर दिये बयान को कहा कि यह कांग्रेस की पोलिटिकल मजबूरी है. जिस तरह भाजपा ने हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को बढ़ाया है, अब कांग्रेस या अन्य पार्टियां हिंदुत्व को दरकिनार कर आगे नहीं बढ़ सकती हैं.
सावरकर और हिंदू राष्ट्र पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने क्या कहा?
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने वीर सावरकर के आजादी के आंदोलन में शामिल होने और आजादी से पहले हिंदू राष्ट्र की मांग को जायज ठहराकर सियासी चर्चाएं छेड़ दी हैं. डोटासरा ने कहा— जब कांग्रेस के नेता आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, तब आरएसएस (RSS) के एक-दो ही नेता थे जो उसमें दिखाई देते थे. आरएसएस (RSS) की विचारधारा के लोगों का क्या योगदान था, जो सावरकरजी की पूजा करते हैं, उनका क्या इतिहास है, यह सबको पता है. इतिहास के पन्नों में जाएंगे, पीछे जाएंगे तो सावरकरजी को हम मना नहीं करते कि वे स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल नहीं हुए. लेकिन उनकी जिस प्रकार की विचारधारा थी, उनके काम थे और उनकी सोच थी, उसे आप इतिहास में पढेंगे तो हम देखेंगे सावरकरजी जो हिंदु राष्ट्र की बात करते थे, वो कोई गुनाह नहीं है. डोटासरा सोमवार को अगस्त क्रांति दिवस पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई विचार गोष्ठी और स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान के मौके पर बोल रहे थे.
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डोटासरा ने कहा उस वक्त हमारा देश आजाद नहीं हुआ था, उस वक्त हमारा संविधान लागू नहीं हुआ था. आजादी से पहले अगर सावरकर हिंदू राष्ट्र की बात करते थे तो गुनाह नहीं करते थे. लेकिन देश आजाद हो गया और संविधान बन गया, सब धर्म जाति के लोगों ने संविधान को स्वीकार कर लिया, उसके बाद उनकी विचारधारा को लेकर भाई से भाई को लड़ाने का षडयंत्र भाजपा और आरएसएस करता है, हम उसके खिलाफ हैं. हमें यह समझना पड़ेगा कि सावरकरजी उस वक्त जेलों में गए, उसको कोई नकार नहीं रहा है, लेकिन जेलों में जाने के बाद उन्होंने अंग्रेजों को चार-चार बार दरख्वास्त दी, उन्होंने अंग्रेजों को खुद के जेल से बाहर आने पर उपयोगिता समझाई. वे लोग किस किस तरह की सूचनाएं अंग्रेजों को देते थे वह भी सबको पता है.
आरएसएस और भाजपा लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं. हम इनके मंसूबे कामयाब नहीं होने देंगे. हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने इसलिए बलिदान नहीं दिए कि इस तरह के लोग सत्ता में आएं जो हिटलरशाही कर रहे हैं। आज वे लोग राष्ट्रभक्त होने का दावा कर रहे हैं जिनका आजादी के आंदोलन में नगण्य योगदान था.
बयान के बाद राजस्थान कांग्रेस में मची खलबली
डोटासरा के बयान के बाद कांग्रेस में कितनी खलबली मच आई इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सका है कि बयान के तत्काल बाद राजस्थान कांग्रेस को ट्वीट कर सफाई देनी पड़ी कि बयान का ये मतलब नहीं था. कांग्रेस की मुश्किल ये है कि राहुल गांधी अक्सर जिस सावरकर की विचारधारा को देश को तोड़ने वाली बताते रहे, अब उनकी ही पार्टी के नेता उसे मान्यता दे रहे हैं.
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के बयान के सियासी मायने
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने आजादी के आंदोलन में सावरकर की भूमिका मान ली, साथ ही आजादी से पहले हिंदू राष्ट्र की मांग को भी सही ठहरा दिया. डोटासरा का यह बयान कांग्रेस की लाइन से मेल नहीं खाता. कांग्रेसी नेता अब तक सावरकर को अंग्रेजों का जासूस कहते रहे हैं. सावरकर की आजादी के आंदोलन में भूमिका को कांग्रेस सिरे से नकारती रही है. अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर डोटासरा के इस बयान से सियासी हलकों में कई मायने निकाले जा रहे हैं. डोटासरा के इस बयान से बीजेपी को एक मुद्दा जरूर मिल गया है, बीजेपी अब डोटासरा के बयान का हवाला देकर सावरकर और हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरेगी.
स्कूली पाठ्यक्रम में सावरकर को पढ़ाने का विराध कर चुकी है कांग्रेस
सावरकर को लेकर कांग्रेस शुरू से ही हमलावर रही है. स्कूली पाठ्यक्रम में सावरकर को पढ़ाए जाने को लेकर कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया था. राजस्थान में भी कांग्रेस ने बीजेपी पर शिक्षा के भगवाकरण के आरोप लगाए थे.
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