logo-image

ऑफिस से घर जाते वक्त होते हैं सबसे ज्यादा सड़क हादसे, ये है बड़ी वजह

यह यह खबर उनके लिए है, जो ड्यूटी पर या अपने व्यापार को लेकर प्रतिदिन घर से बाहर जाते हैं और शाम को वापस आते हैं. अगर आप भी उनमें से हैं तो सावधान हो जाइए.

Updated on: 04 Aug 2022, 11:41 PM

नई दिल्ली:

यह यह खबर उनके लिए है, जो ड्यूटी पर या अपने व्यापार को लेकर प्रतिदिन घर से बाहर जाते हैं और शाम को वापस आते हैं. अगर आप भी उनमें से हैं तो सावधान हो जाइए. दरअसल, परिवहन विभाग के ताजा आंकड़ें इस बात की तस्दीक करते हैं कि राजस्थान में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या शाम को 6 बजे से रात 9 बजे के बीच है. खास बात यह है कि सड़क दुर्घटनाएं मृतक के घर के नजदीक हुई हैं. यानी घर जल्दी पहुंचने के चक्कर में लोग दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. हालांकि, खराब सड़कें, गड्ढे और नशा भी दुर्घटनाओं के बड़े कारण हैं.

आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में हर साल 10500 से ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हो रही हैं. इसके पीछे कई कारण हैं. खराब रोड या रोड बनाने में तकनीकी खामियां या लोगों की खुद की लापरवाही भी सड़क हादसों की बड़ी वजह है. गलत समय पर यात्रा करना भी कई बार हादसे का कारण बनता है, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद इन आंकड़ों में कमी नहीं आना चिंता का विषय है. परिवहन विभाग के ताजा आंकड़े बताते हैं कि शाम को 6 बजे से रात 9 बजे के बीच सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं. रोड सेफ्टी पर कदम उठाते हुए सरकार की ओर से डाटा कलेक्शन कर हादसे के कारणों, समय और लोगों की जानकारी सहित सभी तथ्य एकजुट किए गए. जिसके लिए बृजेन्द्र ओला ने बताया कि विभाग ऑनलाइन सिस्टम पर काम कर रहा है.

ये भी पढ़ेंः संजय राउत के बाद अब उनकी पत्नी वर्षा राउत को ED ने भेजा समन

प्रदेश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब 10500 से अधिक लोग काल का ग्रास बनते हैं. सबसे अधिक दुर्घटनाएं और मरने वालों की बात करें तो जयपुर पहले पायदान पर है. इसके बाद उदयपुर में सबसे अधिक हादसे होते हैं. 42 फीसदी हादसे युवाओं के दोपहिया वाहनों से हुए हैं. मंत्री बृजेन्द्र ओला ने बताया कि अधिकांश हादसे नेशनल हाईवे पर हो रहे हैं, जिसके प्रमुख कारण ओवर स्पीड, नशे में वाहन चलाने और आवारा पशुओं से हो रहे हैं. साथ ही रोड की डिजाइन भी हादसों का कारण बन रही है. सर्वे में पता लगा है कि 24 फीसदी हादसे ओवर स्पीड की वजह से हो रहे हैं. हादसों में मरने वालों की बात करें तो धौलपुर में 77 फीसदी और चित्तौड़गढ़ में 67 फीसदी मरने वालों की संख्या बढ़ी है.

जनवरी से जून 2022 तक प्रदेश में 39 हजार से अधिक हादसे हुए
जनवरी से जून 2022 तक प्रदेश में 39 हजार से अधिक हादसे हुए हैं, जिसमें करीब 50 हजार लोग हादसे के शिकार हुए,, स्टडी में पता चला है कि सबसे अधिक हादसे शाम 6 से रात 9 के बीच हुए हैं, जिसमें 8 हजार 900 से अधिक हादसे इस टाइम पीरियड में हुए हैं. साढ़े सात हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं, साथ ही तीन हजार से अधिक मौतें हुई हैं.परिवहन विभाग की स्टडी में ये भी सामने आया कि सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना और दुर्घटनाओं में जिन लोगों की मौत हुई है, वे घर से 15 से 5 किलोमीटर के दायरे में हुई हैं.