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गहलोत के इस कैबिनेट मिनिस्टर का खुला ऐलान, किसी भी सूरत में पायलट के साथ

आपको बता दें कि पिछले 3-4 दिनों से राजस्थान में सियासी पारा चढ़ता ही जा रहा है. सोमवार को दोनों नेताओं से कांग्रेस हाई कमान ने बातचीत के बाद इस विवाद को ठंडा करने की कोशिश की है.

Updated on: 13 Jul 2020, 06:22 PM

नई दिल्‍ली:

राजस्थान सियासी संकट कांग्रेस आलाकमान की हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच दरार कम होती दिखाई दे रही थी, लेकिन इसी बीच गहलोत कैबिनेट के एक मंत्री ने मीडिया के सामने आकर इस बात का ऐलान कर दिया कि वो किसी भी सूरत में सचिन पायलट के साथ ही हैं. आपको बता दें कि पिछले 3-4 दिनों से राजस्थान में सियासी पारा चढ़ता ही जा रहा है. सोमवार को दोनों नेताओं से कांग्रेस हाई कमान ने बातचीत के बाद इस विवाद को ठंडा करने की कोशिश की है. 

बहरहाल सोमवार को राजस्थान में गहलोत सरकार बचती हुई दिखाई दे रही है. सोमवार को सीएम अशोक गहलोत ने 100 से ज्यादा विधायकों की परेड करवाकर अपना शक्ति प्रदर्शन किया. इस बीच खबर ये भी आ रही है कि सचिन पायलट मान गए हैं. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत पांच बड़े नेताओं ने उनसे बातचीत की है. माना जा रहा है कि वो जयपुर वापस लौट जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट की मांग थी कि उनसे अध्यक्ष पद ना लिया जाए. इसके साथ ही कुछ अहम मंत्रालय भी उन्हें दिया जाए. वो अपने चार विधायकों को मंत्री बनाने की मांग कर रहे थे. सचिन पायलट गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की मांग कर रहे हैं. हालांकि इसे लेकर पुष्टि नहीं हुई है.

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सोमवार को कांग्रेस आलाकमान के साथ हुई बैठकों के बाद राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर गहराए संकट के बादल छंटने लगे हैं. पल-पल बदल रहे सियासी घटनाक्रमों के बीच सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बगावती तेवर दिखा रहे उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सहमति बन गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच में सहमति लगभग तय हो चुकी है. अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) मुख्यमंत्री पद पर रहेंगे तो फिलहाल सचिन पायलट डिप्टी सीएम और अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. सूत्रों ने यह भी बताया है कि राजस्थान में अगले 30 दिन में मंत्रिमंडल विस्तार होगा. बसपा से आए विधायक और निर्दलियों को मंत्रिमंडल में भागीदारी मिलेगी और राजनीतिक नियुक्तियों का भी रास्ता खुलेगा.

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सचिन पायलट कल से दावा कर रहे थे कि उनके पास 30 से अधिक विधायकों का समर्थन है. लेकिन अशोक गहलोत ने सौ से अधिक विधायकों का परेड कराकर सचिन पायलट को झटका दिया है. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार तो बच जाएगी लेकिन कांग्रेस अपने कुनबे को बचाने की जुगत में लगी हुई है. सूत्रों के हवाले से बताया गया कि राजस्थान में इस सियासी घमासान को सुलझाने के लिए खुद प्रियंका गांधी ने कमान संभाली है. खबर है कि प्रियंका गांधी ने सीएम अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट से बातचीत की है. बताया जा रहा है कि पहले राहुल गांधी ने सचिन पायलट को मनाने की कोशिश की थी, लेकिन सचिन पायलट को मनाने में राहुल गांधी कामयाब नहीं हो सके इसके बाद प्रियंका गांधी ने राजनीतिक संकट को सुलझाने के लिए कमान संभाली है.