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borewell (social media )
राजस्थान के कोटपूतली में 3 साल की बच्ची चेतना बोरवेल में गिरने के बाद चल रहे बचाव अभियान को 70 घंटे से अधिक का समय लग चुका है. मगर, रेस्क्यू टीम को अभी तक सफलता हासिल नहीं हो सकी है. अब बच्ची को बाहर निकालने के लिए उत्तराखंड की स्पेशल रैट माइनर्स टीम को बुलाया गया है. वह पाइपिंग मशीन की सहायता से खुदाई में लगी हुई है. बच्ची तक पहुंचने का प्रयास हो रहा है.
रैट माइनर्स टीम ने उत्तराखंड में टनल में फंसे मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला था. वहीं,अपनी बेटी की हालत को लेकर चिंतित ढोली देवी ने सोमवार को दुखद हादसे के बाद से खाना छोड़ दिया है. कोटपूतली-बहरोड़ में बुधवार देर रात हालात का जायजा लेने गांव पहुंची थीं. उन्होंने कहा कि बचाव अभियान लगातार जारी है. पाइलिंग मशीन को घटना स्थल पर लाने की तैयारी हो रही है.
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चेतना के पास भोजन या पानी नहीं पहुंच पाया
कोटपूतली-बहरोड़ जिले के अंतर्गत बडियाली ढाणी में पिता के कृषि फार्म में खेलते समय चेतना बोरवेल में गिर गई. अब तक 70 घंटे का समय बीत चुका है. मगर समय बीतने के साथ बच्ची के जिंदा रहने की आस कम होती जा रही है. दरअसल चेतना के पास भोजन या पानी नहीं पहुंच पाया है.
#WATCH | Kotputli, Rajasthan: Operation is underway to rescue the 3.5-year-old girl who fell into a borewell in Kiratpura village on December 23 pic.twitter.com/kfFB8CYydi
— ANI (@ANI) December 25, 2024
स्थानीय पुलिस के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं. शुरुआत में बच्ची को रिंग की सहायता से बोरवेल से बाहर निकालने का प्रयास किया गया. मगर सभी कोशिश नाकाम रही. दो दिनों तक की कोशिश का कोई नतीजा नहीं निकला है. बुधवार की सुबह बोरवेल के समानांतर एक और गड्ढा खोदने का प्रयास किया गया. खुदाई का काम तेजी से जारी है. बच्ची अभी तक बिना खाए पिए बोरवेल में फंसी हुई है. बोरवेज कैमरे डाले गए हैं, मगर उससे बच्ची नजर नहीं आ रही है. ऐसे में उसकी हालत पता लगाना मुश्किल हो रहा है.