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गजेंद्र शेखावत की बढ़ी मुश्किलें, संजीवनी क्रेडिट घोटाले में 5 अगस्त को HC करेगा सुनवाई

जस्टिस सतीश शर्मा ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है. इस मामले की प्राथिमिकी में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का का नाम भी शामिल है अब 5 अगस्त को इस मामले में सुनवाई की जाएगी.

Updated on: 28 Jul 2020, 04:29 PM

नई दिल्‍ली:

संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी मामला भी पहुंचा हाई कोर्ट. केवलचंद डागलिया ने हाई कोर्ट में याचिका लगा कर किया था जांच को रुकवाने का अनुरोध किया है. जस्टिस सतीश शर्मा ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है. इस मामले की प्राथिमिकी में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का का नाम भी शामिल है अब 5 अगस्त को इस मामले में सुनवाई की जाएगी. इसके पहले जयपुर की एक अदालत ने राजस्थान पुलिस को उस शिकायत की जांच के निर्देश दिए थे जिसमें क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं.

आपको बता दें कि यह घटनाक्रम कांग्रेस के इन आरोपों के बीच सामने आया है कि अशोक गहलोत की सरकार को गिराने में शेखावत शामिल हैं. विशेष ऑपरेशंस समूह (एसओजी) ने उन ऑडियो क्लिप्स की जांच के संबंध में मंत्री को पहले ही नोटिस भेज रखा है जिसमें कथित तौर पर कांग्रेस के विधायकों को लालच देने की कोशिशों के संकेत मिले हैं. अतिरिक्त जिला न्यायाधीश पवन कुमार ने मंगलवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत को भाजपा नेता के खिलाफ शिकायत को एसओजी के पास भेजने के निर्देश दिए.

जानिए क्या है पूरा मामला
संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में शिकायत में शेखावत के साथ ही उनकी पत्नी और अन्य के नाम भी शामिल हैं. इस घोटाले में हजारों निवेशकों ने कथित तौर पर करीब 900 करोड़ रुपये गंवाए. एसओजी की जयपुर ईकाई पिछले साल से इस घोटाले की जांच कर रही है. इस संबंध में प्राथमिकी 23 अगस्त 2019 को दर्ज की गई थी. एसओजी ने मामले के संबंध में दाखिल आरोपपत्र में शेखावत का जिक्र नहीं किया. बाद में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने आरोपपत्र में उनका नाम शामिल करने की एक अर्जी भी खारिज कर दी थी. इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत का रुख किया था. मजिस्ट्रेट अदालत में दी अर्जी में शिकायतकर्ता गुलाम सिंह और लब्बू सिंह ने दावा किया कि प्राथमिकी में धन के जिस लेनदेन का जिक्र है वह मंत्री की कंपनियों से जुड़ा है. बाड़मेर के दोनों निवासियों ने आरोप लगाया कि लेकिन एसओजी ने मंत्री या कंपनियों की भूमिका की जांच नहीं की. शिकायकर्ताओं ने आरोप लगाया कि एसओजी ने जानबूझकर मंत्री और कुछ अन्य को बचाया जिनका आरोपपत्र में जिक्र नहीं किया गया.

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कांग्रेस ने की इस्तीफा देने की मांग
कांग्रेस ने जयपुर की एक अदालत द्वारा कथित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के मामले में जांच का आदेश किए जाने के बाद शुक्रवार को इस प्रकरण में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की भूमिका होने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शेखावत का इस्तीफा लेना चाहिए. पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा के इस आरोप पर फिलहाल भाजपा या शेखावत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उल्लेखनीय है कि जयपुर की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को राजस्थान पुलिस को उस शिकायत की जांच के निर्देश दिए जिसमें कथित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में केंद्रीय मंत्री शेखावत के शामिल होने के आरोप लगाए गए हैं. यह घटनाक्रम कांग्रेस के इन आरोपों के बीच सामने आया है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को गिराने के प्रयासों में शेखावत शामिल हैं. कांग्रेस ने एक ऑडियो क्लिप का हवाला देते हुए शेखावत यह आरोप लगाया था.

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शेखावत ने आरोपों से किया इनकार
शेखावत ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि गहलोत सरकार से जुड़े घटनाक्रम से उनका कोई संबंध नहीं है, बल्कि यह वर्तमान स्थिति कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई के कारण पैदा हुई है. खेड़ा ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, कल जयपुर की एक अदालत ने शेखावत एवं उनके सहयोगियों के विरूद्ध 884 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के आदेश दिए. संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसायटी के तहत हुए एक बहुचर्चित घोटाले में शेखावत एवं उनके सहयोगियों की भूमिका चौंका देने वाली है. उन्होंने दावा किया, 2008 में पंजीकृत संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसायटी राजस्थान एवं गुजरात में सक्रिय है. इस सोसाइटी में इन दोनों राज्यों से कुल 2,14,472 निवेशकों का 883.88 करोड़ रूपये का निवेश 30 जून 2019 तक हुआ था. 1 जून 2019 के बाद इस सोसायटी ने किसी भी निवेशक को राशि परिपक्वता हो जाने के बावजूद कोई भुगतान नहीं किया.