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शादी समारोह से फैला कोरोना,प्रशासन ने लगाया छह लाख रुपये का जुर्माना

राजस्थान के भीलवाड़ा में कोरोना वायरस की महामारी के दौरान एक शादी में शामिल हुए कई लोगों की जान पर बन आई है. इस शादी में शामिल हुए 16 लोगों के अब तक संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी हैं जिनमें से एक की मौत हो गयी है.

Updated on: 27 Jun 2020, 11:31 PM

जयपुर:

राजस्थान के भीलवाड़ा में कोरोना वायरस की महामारी के दौरान एक शादी में शामिल हुए कई लोगों की जान पर बन आई है. इस शादी में शामिल हुए 16 लोगों के अब तक संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी हैं जिनमें से एक की मौत हो गयी है जबकि 58 लोग पृथकवास में हैं. जिला प्रशासन ने न केवल परिवार के खिलाफ मामला दर्ज किया है बल्कि छह लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी तीन दिन में भरने को कहा है. दरअसल शहर के भदादा मोहल्ले में घीसूलाल राठी के बेटे रिजुल की शादी 13 जून को हुई थी.

परिवार वालों ने प्रशासन से मंजूरी ली तो उन्हें अधिक से अधिक 50 लोगों को बुलाने की शर्त पर अनुमति दी गयी, लेकिन शादी में निर्धारित संख्या से अधिक लोग शामिल हुए. सबसे बड़ी दिक्कत तब शुरू हुई जब बाद में दूल्हे सहित 16 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. इनमें से एक संक्रमित की मौत हो चुकी है. उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 'भीलवाड़ा मॉडल' की चर्चा देश भर में हुई थी.

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जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए परिवार के खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून की धारा-51 व आम लोगों का जीवन खतरे में डालने के लिए भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करवाया है. जिलाधिकारी राजेंद्र भट्ट द्वारा जारी आदेश के अनुसार शादी में 50 से ज्यादा लोगों को आमंत्रित किया गया और शादी कार्यक्रम के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के नियमों (सामाजिक दूरी, मास्क पहनने) का भी पालन नहीं किया गया.

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इस शादी में शामिल लोगों में संक्रमण का पहला मामला 19 जून को सामने आया जबकि अब तक कुल 16 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है जिनमें से एक की मौत भी हो चुकी है. इससे जुड़े और लोगों के संक्रमित होने की आशंका बनी हुई है. आदेश के अनुसार इस शादी में शामिल हुए 15 संक्रमित चिकित्सालय में भर्ती हैं तो 58 लोग अभी पृथकवास में हैं. इस मामले में राज्य सरकार को पृथकवास वार्ड, पृथकवास केंद्र सुविधा, भोजन, जांच, परिवहन व एंबुलेंस आदि मद में लगभग 6,26,000 रुपये की राजस्व हानि हुई है. तहसीलदार से कहा गया है कि वह यह राशि तीन दिन में वसूल कर मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करवाएं.