/newsnation/media/post_attachments/images/2022/06/03/rj-41.jpg)
file photo( Photo Credit : News Nation)
राजस्थान में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किल लगातार बढ़ती जा रही है. क्रास वोटिंग के डर से उदयपुर में कांग्रेस ने विधायकों की बाड़़ेबंदी शुरू कर दी है. लेकिन अभी तक 126 में से 65 विधायक ही पहुंचे हैं. बीसएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए 06 में से चार विधायकों ने बागी तेवर दिखाते हुए आरोप लगाया कि उनसे किया वादा पूरा नहीं किया. उन्होने कहा जहां भी जाएंगे एक साथ जाएंगे. आरोप लगाने वाले गहलोत सरकार में मंत्री भी है. एक कांग्रेस विधायक भी इनके साथ है. आपको बता दें कि राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में एक तरफ उदयपुर में कांग्रेस ने विधायकों की बाड़ेबंदी कर रखी है..लेकिन कांग्रेस की मुश्किल अंदाजा इस तस्वीर से लगा सकते हैं.
यह भी पढ़ें : EPFO: अब PF पर मिलेगा ज्यादा ब्याज, सरकार ने बनाया खास प्लान
आपको बता दें कि चार विधायक राजेंद्र गुढा, संदीप यादव, वादिब अली और गिरिराज मलिंगा कांग्रेस की बाड़ेंबदी में जाने के बजाय टाईगर सैंचुरी में टाईगर सफारी का लुत्फ उठा रहे हैं. एक औऱ विधायक लाखन सिंह खटाना भी इनके साथ है. राजेंद्र गुढा गहलोत सरकार में मंत्री भी है. मलिंगा को छोड़कर चारों बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए. चारों खफा है कांग्रेस और गहलोत से. आरोप लगाया कि उनसे किया वादा कांग्रेस ने पूरा नहीं किया. कहा गहलोत बातें तो करते हैं लेकिन हमारी चिंता नहीं करते. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक दिन पहले ही मिडिया से कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यसभा चुनाव में विधायकों को तोड़ने के लिए कांग्रेस विधायक वाजिब अली को नोटिस दिया, पुराने मामले खोल रही है. लेकिन वाजिब अली ने गहलोत के इस दावे को झुठला दिया.
राजस्थान में कांग्रेस के पास खुद के 108 विधायक हैं. सहयोगी दल और निर्दलीयों का समर्थन मिलता है तो ये संख्या 126 हो जाएगी. राज्यसभा चुनाव में तीसरा प्रत्याशी जीताने के लिए खुद के साथ निर्दलीय वन सहयोगी दलों के वोट भी चाहिए. दूसरी तरफ बीजेपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा को बीजेपी व हनुमान बेनिवाल की पार्टी के अलावा 08 अतरिक्त वोट चाहिए. ऐसे में ये पांच विधायक कांग्रेस के हाथ से निकलते हैं तो पासा पलट सकता है.
Source : Lal Singh Fauzdar