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अशोक गहलोत( Photo Credit : एएनआई ट्विटर)
26 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आए हैं. अशोक गहलोत ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा है कि, इस मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाए. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को देश की राजधानी में हुई हिंसक घटना को कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा. हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक देशवासी ने लाल किले की घटना का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि ये असमाजिक तत्व थे जिन्होंने लाल किले पर ये शर्मनाक कृत्य किया पूरे देश में इनकी निंदा हो रही है.
Why are they not initiating a judicial inquiry? Those (farmers) who were protesting peacefully for around 70 days can't do something like this. Impartial probe must be done: Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot on January 26 violence in Delhi https://t.co/lyRueFLRQv
— ANI (@ANI) January 30, 2021
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अशोक गहलोत ने ये भी कहा कि जिन किसानों ने 70 दिनों तक शांति पूर्वक अपनी मांगों को रखा वो ये हरकत कभी नहीं कर सकते हैं जो 26 जनवरी को हुई थी. गहलोत ने आगे कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. वहीं किसानों का समर्थन करते हुए उन्होंने ये भी कहा कि देश में हर किसी को किसानों के धैर्य की दाद देनी चाहिए कि 70 दिनों तक उन्होंने बिना किसी हिंसात्मक घटना के अपने प्रदर्शन को शांति पूर्वक बनाए रखा.
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कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं गहलोत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस पार्टी का एक खेमा अशोक गहलोत को राजस्थान से दिल्ली बुलाकर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देने को बेहतर विकल्प मान रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इस वक्त पार्टी को स्थायी अध्यक्ष की सख्त जरूरत है. ऐसे में या तो सोनिया गांधी को ही स्थायी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालनी होगी या फिर किसी वरिष्ठ नेता को विकल्प के तौर पर तैयार करना होगा. वैसे भी अशोक गहलोत की गांधी परिवार से नजदीकी जगजाहिर है.
Source : News Nation Bureau