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पूर्वी राजस्थान नहर को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करे केंद्र सरकार, सीएम अशोक गहलोत की मांग

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है.

Updated on: 08 Jul 2020, 03:53 PM

जयपुर:

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि है कि लगभग 37,247 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से राज्य के 13 जिलों में पेयजल तथा 2.8 लाख हेक्टयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी. गहलोत ने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है.

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उन्होंने पत्र में लिखा कि ईआरसीपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) नवम्बर 2017 में आवश्यक अनुमोदन के लिए केन्द्रीय जल आयोग को भेजी जा चुकी है. उन्होंने आग्रह किया कि इस योजना को जल्द से जल्द राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने पूर्व में 16 विभिन्न बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है लेकिन राजस्थान की किसी भी बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना को यह दर्जा नहीं मिला है.

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राज्य के कई जिलों में पेयजल की गंभीर समस्या के चलते इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देना और इसका जल्दी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना आवश्यक है. उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी परियोजना से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर व धौलपुर जिलों को वर्ष 2051 तक पीने तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. ईआरसीपी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार परियोजना से मानसून के दौरान कुन्नू, कुल, पार्वती, कालीसिंध एवं मेज नदियों के सब बेसिन के अधिशेष जल को बनास, मोरेल, बाणगंगा, गंभीर व पार्बती नदियों के सब बेसिन में पहुंचाया जाना है.