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जोधपुर में ब्लैक फंगस का हमला, महिला की जान बचाने के लिए निकालनी पड़ी आंख

कोविड संक्रमण की धीमी होती रफ्तार के बीच पैर-पसारते ब्लैक फंगस नाम की बीमारी से राजस्थान में खौफ सताने लगा है. कोरोना से लड़ रहे राज्य के दूसरे बड़े शहर जोधपुर को अब ब्लैक फंगस ने अपना शिकार बना लिया है.

Updated on: 16 May 2021, 09:06 AM

highlights

  • राजस्थान में ब्लैक फंगस का हमला
  • जोधपुर में डॉक्टरों ने बचाई महिला की जान
  • जान बचाने के लिए निकालनी पड़ी आंख

जोधपुर:

कोविड संक्रमण की धीमी होती रफ्तार के बीच पैर-पसारते ब्लैक फंगस नाम की बीमारी से राजस्थान में खौफ सताने लगा है. कोरोना से लड़ रहे राज्य के दूसरे बड़े शहर जोधपुर को अब ब्लैक फंगस ने अपना शिकार बना लिया है. यहां भी इस बीमारी से जुड़े कई केस आने लगे हैं. कोरोना की आड़ में होने वाले इस फंगस ने लोगों में खौफ पैदा कर दिया है. कोरोना का इलाज करा रहे लोगों में उपजे खौफ के बीच डॉक्टरों के सामने चुनौती है कि इससे कैसे निपटा जाए, ताकि ये लोगों में पनपे ही नहीं. अब तक आए तीन मामले सामने जोधपुर में अब तक ब्लैक फंगस के अब तक 50 से अधिक केस केवल एम्स अस्पताल में आ चुके है, इनमें से जोधपुर सहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र से मरीज ज्यादा है कुछ सामान्य मामलों में समय रहते इलाज करवा लेने से मरीज इससे पूरी तरह से मुक्त भी हुए है.

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जोधपुर के MDM अस्पताल में एक महिला के आंख तक फंगस पहुंचने का मामला सामने आया. इस मामले में महिला की एक आंख को पूरी तरह से निकालना पड़ा. AIIMS में भी आया एक मामला बाड़मेर में कोरोना संक्रमित होने के बाद ब्लैक फंगस की पुष्टि होने पर एक महिला को इलाज के लिए AIIMS लाया गया. अस्पतालों में मरीज लगातार बढ़ रहे हैं और बाजारों से इलाज के लिए जरूरी दवाएं भी गायब हो गई हैं. जोधपुर में इस बीमारी का संकट ज्यादा है क्योंकि अब तक पॉजिटिव आए मरीजों में 60 प्रतिशत से अधिक को डायबिटीज और दूसरी इम्यूनिटी कम होने वाली बीमारियां थीं. जनवरी से अब तक 61588 मरीज कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. इनमें 60 प्रतिशत से अधिक डायबिटीज मरीजों को अब ब्लैक फंगस से सावधान रहने की जरूरत है.

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क्या है ब्लैक फंगस रोग

विशेषज्ञों के अनुसार, मयूकरमायोसिस यानी ब्लैक फंगस एक प्रकार का घातक फंगल संक्रमण है, जो अधिकांशत इम्यूनोसप्रेस्ड रोगियों को होता है. अनियंत्रित मधुमेह के रोगी भी इस संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. यह कवक बीजाणु (fungal spores) हवा में रहते हैं, जो सांस के जरिए हमारी नाक से होते हुए साइनस और फिर फेफड़ों तक भी पहुंच जाते हैं. कोविड 19  संक्रमित उस रोगी को जिसका डायबिटीज अनियंत्रित हो और जो स्टेरॉइड पर भी रहा हो इस संक्रमण के होने का खतरा अधिक होता है.