Bhajan Lal Sharma: भजन लाल को नेता नहीं बनाना चाहते थे उनके पिता...जानें क्या था उनका सपना?
Bhajan Lal Sharma Story: राजनीति में आने के बाद उन्होंने बेटे भजन लाल को कभी नहीं टोका. उनके पिता बताते हैं कि भजन लाल शुरुआती दौर से ही मेहनती रहे हैं. खेतों से लेकर बढ़ाई और फिर राजनीति में भी उन्होंने पूरी इमानदारी के साथ मेहनत की
New Delhi:
Bhajan Lal Sharma Story: राजस्थान को उसका नया मुख्यमंत्री मिल गया है. भारतीय जनता पार्टी ने यहां भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया है. भजन लाल शर्मा को लेकर कई रोचक किस्से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. एक तो यह कि वो पहली बार ही विधानसभा के सदस्य बने हैं और विधायक बनते ही मुख्यमंत्री बन गए. दूसरा यह है कि वह राजनीति में लंबे समय से सक्रिय तो हैं, लेकिन सीएम पद की दौड़ में न तो उनका नाम था और न ही उनके मुख्यमंत्री बनने की किसी ने कल्पना की थी. हालांकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद यह तो माना जा रहा था कि राजस्थान में भी बीजेपी कोई नया चेहरा लाकर सबको चौंका सकती है. तीसरी बात यह है कि भजन लाल 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और इसी तारीख को उनका जन्मदिन भी है.
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इस बीच बड़ी जानकारी यह है कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के पिता उनको राजनीति में नहीं भेजना चाहते थे. भजन लाल के परिजन बताते हैं. वह बचपन से मां-बाप के साथ खेतों पर जाते थे और खेती-बाड़ी का खूब काम करते थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई भी उनके गांव अटारी में ही हुई. हालांकि सेकेंड्री एजुकेशन के लिए वह गगवाना गए, जिसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई नदबई से की. भजन लाल शर्मा चार भाई-बहन हैं. नदबई में इंटर के दौरान वह अखिल भारतीय परिषद से जुड़ गए थे, जिसके बाद उनका सियासी सफर चलता रहा और आज उनको मुख्यमंत्री की कुर्सी तक ले आया. भजन लाल के पिता ने बताया कि वह उनको एक टीचर बनाना चाहते थे. लेकिन भजन लाल की रूची राजनीति में थी.
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वह बताते हैं कि राजनीति में आने के बाद उन्होंने बेटे भजन लाल को कभी नहीं टोका. उनके पिता बताते हैं कि भजन लाल शुरुआती दौर से ही मेहनती रहे हैं. खेतों से लेकर बढ़ाई और फिर राजनीति में भी उन्होंने पूरी इमानदारी के साथ मेहनत की. उसी का फल है कि उनको प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला. वह बताते हैं कि भजन लाल के बचपन से ही चूरमा और बाटी बहुत अधिक पसंद थे. इसके साथ ही वह खादी पहनना ज्यादा पसंद करते थे.
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