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कैबिनेट विस्तार के पहले सचिन का गहलोत पर हमला, इशारों-इशारों में कही ये बात

कांग्रेस सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में काम कर रही है.

Updated on: 21 Nov 2021, 12:04 PM

highlights

  • 2 साल 11 महीने बाद अशोक गहलोत की कैबिनेट में बड़ा फेरबदल
  • सचिन पायलट अभी भी अशोक गहलोत के नेतृत्व को स्वीकार नहीं कर पा रहे
  • कैबिनेट में फेरबदल से भी सचिन पायलट को नहीं साध पाए गहलोत

नई दिल्ली:

राजस्थान में सचिन पायलट गुट के कुछ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करके अशोक गहलोत सरकार का संकट कम हो गया है. लेकिन राज्य में अभी भी नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा अनसुलझा ही है. कैबिनेट विस्तार से चंद घंटे पहले सचिन पायलट ने बयान देकर साफ कर दिया है कि वह अशोक गहलोत के नेतृत्व को नहीं मानते हैं. रविवार को सचिन पायलट ने कहा कि, "कांग्रेस सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में काम कर रही है. भाजपा के कुकर्मों को लोगों के सामने लाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को मिलकर काम करना होगा. पार्टी में कोई गुट नहीं है. कैबिनेट फेरबदल के फैसले एक साथ लिए गए हैं."

सचिन पायलट के इस बयान का राजनीतिक गलियारों में निहितार्थ निकाले जा रहे हैं. पायलट के बयान की सीधा अर्थ है कि गहलोत उनके नेता नहीं है. कांग्रेस गांधी परिवार के नेतृत्व में काम करता है. गांधी परिवार के अलावा कांग्रेस में हर कोई कार्यकर्ता है.

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कांग्रेस हाईकमान यह मान रही थी कि सचिन गुट के कुछ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करके दोनों के बीच तानातनी को खत्म कर दिया जायेगा. लेकिन यह धारणा निर्मूल साबित हुई है. सचिन पायलट अभी भी अशोक गहलोत के नेतृत्व को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.

सरकार बनने के 2 साल 11 महीने बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट में रविवार को बड़ा फेरबदल हो रहा है. मंत्रिमंडल फेरबदल के जरिए जातीय, क्षेत्रीय और कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी सियासी समीकरण साधने की कोशिश की गई है. गहलोत ने दो पद वाले 3 मंत्रियों को छोड़ किसी को ड्रॉप नहीं किया है, साथ ही 11 नए कैबिनेट मंत्री और 4 राज्य मंत्री बनाए गए हैं.