राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों को ‘भूल जाओ और माफ करो’ की भावना के साथ लोकतंत्र (Democracy) बचाने की लड़ाई में लगना होगा. राजस्थान में लगभग एक महीने से जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच विधानसभा का सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है. गहलोत ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में लोकतंत्र को बचाने की है. पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी मतभेद हुआ है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें भुलाना होगा और माफ करके आगे बढ़ने की भावना के साथ लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में लगना है.’
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दिया लोकतंत्र की रक्षा का नारा
उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट एवं कांग्रेस के 18 अन्य विधायक मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व से कथित तौर पर नाराज थे और वे सोमवार को नयी दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद लगभग एक महीने बाद जयपुर लौटे हैं. गहलोत ने ट्वीट किया, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि भूल जाओ और माफ करो की भावना के साथ 'लोकतंत्र की रक्षा करना' हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.'
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चुनी सरकारों को तोड़ने की साजिश
उन्होंने कहा कि देश में चुनी हुई सरकारों को एक-एक करके तोड़ने की जो साजिश चल रही है, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में सरकारें जिस तरह गिराई जा रही हैं, ईडी, सीबीआई, आयकर, न्यायपालिका का जो दुरुपयोग हो रहा है, वह लोकतंत्र को कमजोर करने का बहुत खतरनाक खेल है. हालांकि पायलट खेमे के विधायक अशोक गहलोत को उनके बयानों को लेकर माफ करनेको तैयार नहीं हैं. फिलहाल सभी पायलट के अगले कदम की प्रतीक्षा कर रहे हैं.