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क्या करती हैं सोनू सूद की बहन मालविका, मोगा से दिलाएंगी कांग्रेस को जीत ? 

कांग्रेस में आने के बाद खुद मालविका ने भी कहा कि उन्होंने खुद को लोगों की सेवा में समर्पित करने के लिए ही राजनीति में कदम रखा है.

Updated on: 11 Jan 2022, 03:17 PM

highlights

  • पंजाब में 10 फरवरी को एक चरण में विधानसभा चुनाव
  • पंजाब के मोगा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा
  • सोनू सूद की तरह ही सामाजिक कार्यों में एक्टिव रहती हैं मालविका

चंडीगढ़:

चुनाव आयोग ने पंजाब में 10 फरवरी को सिर्फ एक चरण में चुनाव कराने का फैसला किया है. चुनाव की तारीख की घोषणा होते ही पंजाब में सियासी हलचल तेज हो गई हैं. एक दिन पहले अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई हैं. फिलहाल यह तय नहीं हुआ है कि वह पंजाब में किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य चुनाव से पहले मालविका सूद के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर गेम चेंजर बताया है, लेकिन क्या मालविका सूद के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस को फायदा मिलेगा. सोनू सूद की तरह ही सामाजिक कार्यों में एक्टिव रहने वाली मालविका क्या कांग्रेस को जीत दिला पाएंगी. जानते हैं मालविका सूद की मोगा विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए उनका क्या योगदान हैं और लोगों के बीच वह कितना चर्चित हैं.

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कांग्रेस में आने के बाद खुद मालविका ने भी कहा कि उन्होंने खुद को लोगों की सेवा में समर्पित करने के लिए ही राजनीति में कदम रखा है. फिलहाल माना जा रहा है कि उसे कांग्रेस पार्टी मोगा विधानसभा सीट से ही टिकट चुनाव लड़ने के लिए कह सकती है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के हर नागरिक की जुबान पर सोनू सूद का नाम था. उस दौरान उन्होंने मदद मांगने वाले हर गरीब की मदद की थी. कांग्रेस में शामिल हुईं सोनू सूद की बहन मालविका सूद भी मोगा में सामाजिक कार्यों को लेकर काफी एक्टिव रहती हैं. अपने सामाजिक कार्यों को लेकर वह हमेशा चर्चा में रहती हैं. वह सामान्य वर्गों के लिए लंबे समय से काम कर रही हैं.  

क्यों मोगा से ही लड़ सकती हैं चुनाव

माना जा रहा है कि मोगा से कांग्रेस के विधायक डॉक्टर हरजोत कमल का इस बार टिकट से हाथ धोना पड़ सकता है. फिलहाल मालविका का कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनके तेवर तल्ख हो गए हैं. वह कांग्रेस का साथ छोड़ने के भी संकेत दिए हैं. फिलहाल वह किस पार्टी में शामिल होंगे इस पर स्थिति साफ नहीं है. ऐसे में कांग्रेस मालविका सूद को मोगा से टिकट दे सकती है.

कौन हैं सोनू सूद की बहन मालविका सूद?

मालविका सोनू की छोटी बहन हैं और उनकी उम्र 38 साल बताई जा रही है। उनकी एक और बहन है जिसका नाम मोनिका है, जो सबसे बड़ी है और कथित तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका में एक वैज्ञानिक हैं। उनके माता-पिता नहीं रहे, सोनू ने पिता के नाम पर एक प्रोडक्शन हाउस भी खोला है। मालविका सूद सच्चर के इंस्टाग्राम बायो के अनुसार, वह एक कंप्यूटर इंजीनियर भी हैं. उन्होंने बायो में खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में दर्शाया है. इंस्टाग्राम पर इसकी कई झलकियां भी हैं. अपने भाई की परोपकारी पहलों की तरह, उन्होंने भी मोगा में एक एम्बुलेंस दान की है.

सामाजिक कार्यों में रहती हैं एक्टिव

मालविका सूद की सामाजिक पहलों में काफी एक्टिव रहती हैं. COVID-19 महामारी के दौरान राशन किट, छात्रों को किताबें, मास्क, सैनिटाइज़र और ऑक्सीजन प्रदान करती दिखी थीं. उन्होंने जरूरतमंदों को साइकिल भी बांटी और 'मेरा शहर, मेरी जिम्मेदारी' अभियान की शुरुआत की थी. इंस्टाग्राम पर उन्होंने 'हॉलीवुड इंग्लिश एकेडमी की सीईओ' लिखा हुआ है. यह संस्थान अंग्रेजी बोलने, व्यक्तित्व विकास, विदेशी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण में सहायता प्रदान करता है.

मुफ्त में मुहैया कराती हैं कोचिंग

गरीब छात्रों के लिए एक्टिव रहने वाली कंप्यूटर इंजीनियर मालविका मोगा में IELTS कोचिंग सेंटर चलाती हैं. वह जरूरतमंद छात्रों को मुफ्त में अंग्रेजी की कोचिंग मुहैया कराती हैं. उन्होंने गौतम सच्चर से शादी की है. कहा जाता है कि पति-पत्नी मिलकर देश भर में 20 हजार से अधिक गरीब छात्रों को शिक्षा मुहैया करा रहे हैं. दोनों लोग जरूरतमंद मरीजों की सर्जरी के लिए फंडिंग भी करते हैं.

गौतम सच्चर से शादी है मालविका

मालविका सूद गौतम सच्चर से शादी की है, जो संस्थान से भी जुड़े हुए हैं. उनके दो बच्चे हैं, एक बेटा और एक बेटी. सोनू अपनी बहन को गुन्नू कहकर संबोधित करते हैं और अक्सर उनके लिए दिल छू लेने वाले पोस्ट शेयर करते हैं.

क्या कहा सिद्धू ने

पार्टी में शामिल होने के बाद सिद्धू ने मालविका सूद को लेकर कहा कि वह एक युवा और शिक्षित महिला हैं और सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में उसकी शिक्षा उसके आगे के जीवन में उसकी मदद करेगी. सिद्धू ने आगे कहा कि यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि एक युवा महिला जिसने एक एनजीओ चलाकर अपना नाम कमाया और खुद को लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है.