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सनी देओल हुए 'गायब', गुरुदासपुर में लगे 'गुमशुदा की तलाश' के पोस्टर

जब से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मैचो मैन सनी देओल गुरुदासपुर संसदीय क्षेत्र से चुने गए हैं, वह लगातार विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के आलोचना के केंद्र में है. सनी से पहले इस सीट से बॉलीवुड स्टार दिवंगत विनोद खन्ना जनप्रतिनिधि चुने गए थे.

Updated on: 06 Oct 2022, 08:53 PM

highlights

  • गुरुदासपुरमें सनी देओल को लेकर आम लोगों में भारी गुस्सा
  • सांसद बनने के बाद अपने संसदीय क्षेत्र में नहीं आने का आरोप
  • लोग अब पोस्टर चिपका कर मांग रहे सनी देओल का इस्तीफा

पठानकोट:

भारतीय जनता पार्टी के सांसद और हिंदी फिल्म उद्योग के अभिनेता सनी देओल के 'गायब' होने के पोस्टर गुरुदासपुर में जगह-जगह लगे दिखाई पड़ रहे हैं. 'गुमशुदा की तलाश' लिखे यह पोस्टर घरों की दीवारों, रेलवे स्टेशन और तमाम वाहनों पर गुरुदासपुर के सांसद सनी देओल के लिए हैं. देओल ने 2019 के लोकसभा चुनाव पर यहां से चुनाव लड़ा था और विजयी रहे थे. इन पोस्टरों में लिखा गया है कि सांसद बनने के बाद सनी देओल गुरुदासपुर नहीं आए हैं. गुस्साए स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर सनी देओल संसदीय क्षेत्र के लिए काम नहीं करना चाहते हैं, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. 

लोगों में सनी को लेकर भारी गुस्सा
न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक आंदोलनरत शख्स के हवाले से लिखा है, 'सांसद बनने के बाद सनी देओल गुरुदासपुर नहीं आए. वह अपने आपको पंजाब दा पुत्र कहते हैं, लेकिन वह यहां औद्योगिक विकास लेकर नहीं आए, संसदीय फंड से कुछ भी विकास नहीं कराया या एक भी केंद्र सरकार की योजना यहां लेकर आए. अगर वह काम नहीं करना चाहते हैं, तो उन्हें अपना इस्तीफा दे देना चाहिए.' जब से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मैचो मैन सनी देओल गुरुदासपुर संसदीय क्षेत्र से चुने गए हैं, वह लगातार विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के आलोचना के केंद्र में है.

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विधानसभा चुनाव में प्रचार भी नहीं किया
बताते हैं कि सनी देओल गुरुदासपुर-पठानकोट में आखिरी बार सितंबर 2020 में आए थे. तब उन्होंने सरकारी अधिकारियों से बैठक कुछ मसलों पर बात की थी. इसके अलावा वह चुनिंदा लोगों से भी मिले थे. सनी देओल का यह दौरा उनके उससे भी पिछले दौरे से छह महीने बाद हुआ था. हालांकि तब वह कृषि कानूनों पर किसानों के गुस्से की वजह से आम लोगों से नहीं मिले थे. यही नहीं, हाल ही में संपन्न पंजाब विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी और सहयोगी उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव प्रचार करने नहीं आए. वह भी तब जब उनकी सेलिब्रिटी होने के नाते प्रचार में जबर्दस्त मांग थी. गौरतलब है कि पूरे माझा क्षेत्र में बीजेपी सिर्फ पठानकोट सीट ही जीत सकी थी. बीजेपी के राज्य अध्यक्ष अश्विनी शर्मा विधायक चुने गए थे.