'शौर्यचक्र विजेता की हत्या के पीछे खालिस्तान समर्थकों का हाथ'

उनकी हत्या पंजाब में 'रेफरेंडम 2020 की शुरुआत का पहला स्टेप है. विश्व स्तर पर प्रचारित 'रेफरेंडम 2020' प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा पंजाब को एक 'राष्ट्र' के रूप में 'मुक्त' करने के लिए खालिस्तान समर्थक एक आंदोलन है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Balwindir Singh

आतंकियों के हाथों मारे गए शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

1980 के दशक में सिख उग्रवादियों से लड़ने वाले शौर्यचक्र (Shaurya Chakra) पुरस्कार विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या के अगले दिन उनकी विधवा ने उग्रवादियों को पति की मौत का जिम्मेदार ठहराया. पंजाब के तरन तारन (Tarn Taran) जिले में दो हमलावरों ने शुक्रवार को बलविंदर की गोली मारकर हत्या कर दी. बलविंदर की पत्नी ने कहा कि उनके पति की हत्या उन लोगों से जुड़ी है, जो 'रेफरेंडम 2020' की वकालत कर रहे थे.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः  'LAC पर शांति अत्यधिक बाधित, भारत-चीन संबंधों पर पड़ रहा असर'

पत्नी ने खालिस्तान आतंकियों पर मढ़ा दोष
संधू की पत्नी जगदीश कौर ने मीडिया से कहा, 'यह खालिस्तानी आतंकवादियों की करतूत है, क्योंकि मेरे परिवार की किसी से कोई निजी दुश्मनी नहीं थी.' उन्होंने आगे कहा, 'उनकी हत्या पंजाब में 'रेफरेंडम 2020 की शुरुआत का पहला स्टेप है.' विश्व स्तर पर प्रचारित 'रेफरेंडम 2020' प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा पंजाब को एक 'राष्ट्र' के रूप में 'मुक्त' करने के लिए खालिस्तान समर्थक एक आंदोलन है.

यह भी पढ़ेंः अमित शाह बोले- चिराग पासवान को उचित सीट ऑफर की गई थी, लेकिन...

सुरक्षा वापस लेने के एक साल बाद हुई हत्या
सरकार द्वारा प्रदान की गई सुरक्षा वापस लेने के करीब एक साल बाद संधू को दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी. उनका अंतिम संस्कार मूल निवास स्थान पर किया गया. जगदीश कौर ने कहा, 'हमने परिवार के एक सदस्य को खो दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम आतंकवादियों से डरते हैं. हम अभी भी उनसे लड़ने के लिए काफी मजबूत हैं.' कम्युनिस्ट विचारधारा वाले और 1993 के शौर्यचक्र पुरस्कार विजेता बलविंदर सिंह को सुबह 7 बजे के करीब उनके गृहनगर भिखीविंड में तरनतारन शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर पॉइंट जीरो से गोली मारी गई.

यह भी पढ़ेंः धनखड़ बोले- बलविंदर सिंह को रिहा करे ममता सरकार, क्योंकि...

डॉक्यूमेंट्री भी बनी थी संधू पर
तरनतारन 80 और 90 के दशक में उग्रवाद का अड्डा हुआ करता था. संधू को पांच गोलियां मारी गई थीं. उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. रिवॉल्यूशनरी मार्क्‍सिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (आरएमपीआई) के जिला समिति सदस्य बलविंदर अपनी बहादुरी के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके थे और उन पर नेशनल ज्योग्राफिक डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी है.

सुरक्षा वापस लेने का कारण पता नहीं
उनकी पत्नी जगदीश कौर आरएमपीआई की जिला समिति सदस्य हैं, जिसका नेतृत्व मंगत राम पासला कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने फिरोजपुर के डीआईजी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है, ताकि हमले की सही जांच की जा सके. हालांकि अभी तक पंजाब पुलिस यह साफ नहीं कर सकी है कि जान की लगातार धमकियां मिलने के बावजूद उनकी सुरक्षा क्यों हटाई गई.

Source : IANS/News Nation Bureau

खालिस्तान cm-captain-amarinder-singh बलविंदर सिंह संधू तरन तारन Referendum 2020 Balwinder Singh पंजाब Khalistan Tarn Taran
      
Advertisment