जहरीली शराब कांड पर राजभवन घेरेंगे अकाली-बीजेपी, सरकार को बर्खास्त करने की मांग

बताया जा रहा है कि सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की. तरनतारन में 63 मौतें हुई हैं, जिसके बाद अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 11 मौतें हुईं. राज्य में बुधवार रात से शुरू हुई त्रासदी में शुक्रवार की रात त

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Aditi Sharma
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Capt Amrinder Singh

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह( Photo Credit : फाइल फोटो)

पंजाब मैं जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर सियासत गर्म है. आज यानी शुक्रवार से चार दिन तक अकाली भाजपा पंजाब राजभवन के बाहर धरना देंगे. अकाली भाजपा की मांग है कि सरकार को बर्खास्त किया जाए. यहां जहरीली शराब पीने से 86 लोगों की मौत हो गई है जिसके बाद सरकार घिर गई है. वहीं मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) ने इस मामले में सात आबकारी अधिकारियों और छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है.

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बताया जा रहा है कि सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की. तरनतारन में 63 मौतें हुई हैं, जिसके बाद अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 11 मौतें हुईं. राज्य में बुधवार रात से शुरू हुई त्रासदी में शुक्रवार की रात तक 39 लोगों की मौत हो गई थी.

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इससे पहले कांग्रेस के अपने ही दो सांसदों ने पंजाब सरकार पर हमला किया था. उन्होंने शराब की अवैध बिक्री की सीबीआई और ईडी से जांच कराने के लिए राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा. राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह ढुलो ने राज्य प्रशासन पर स्पष्ट रूप से नाकाम रहने का आरोप लगाया तथा दावा किया कि अगर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अवैध शराब के कारोबार की शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई की होती, तो यह घटना टल सकती थी.

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राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता बाजवा ने कहा कि उन्होंने राज्य में शराब की कथित अवैध बिक्री की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने की मांग की है. दोनों सांसदों ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा समय रहते कार्रवाई नहीं किए जाने के चलते यह त्रासदी तो होने ही वाली थी.

शमशेर सिंह ढुलो ने कहा, 'अगर मुख्यमंत्री ने समय रहते कार्रवाई की होती तो जहरीली शराब कांड नहीं होता. हम 2017 से यह मुद्दा उठा रहे हैं.' वहीं प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि लोगों की मौत होने का मुद्दा हम संसद में भी उठाएंगे. मुख्यमंत्री या पुलिस प्रमुख या मुख्य सचिव को उन इलाकों का दौरा करना चाहिए , जहां जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई.

उन्होंने राज्यपाल को सौंपे पत्र में कहा कि हमने यह मुद्दा उठाया है क्योंकि यह राज्य में प्रशासनिक मशीनरी की स्पष्ट नाकामी है. खासतौर पर लॉकडाउन के दौरान पंजाब से अन्य राज्यों को शराब की धड़ल्ले से तस्करी हुई है. नकली शराब समूचे राज्य में बन रही है और बेची जा रही है. इसका उत्पादन और वितरण आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर नहीं हो सकता.

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