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पटियाला में नवजोत सिद्धू तो अमृतसर में बेटी राबिया ने घर की छत पर लगाए काले झंडे, जानिए क्यों

किसानों के विरोध से पहले ही उनके समर्थन में कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री नवजोत कौर सिद्धू के परिवार ने छतों पर काले झंडे फहराए हैं.

Updated on: 25 May 2021, 11:02 AM

highlights

  • नवजोत सिंह सिद्धू ने लगाए काले झंडे
  • पटियाला-अमृतसर में घर पर काले झंडे
  • किसानों का आंदोलन का किया समर्थन

नई दिल्ली:

केंद्र की मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन फिर तेज कर दिया है. इस आंदोलन को और रफ्तार देने के लिए किसानों ने 26 मई यानी बुधवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. इस दिन मोदी सरकार के पुतले जलाने का आह्वान किया गया है. साथ ही किसानों ने 26 मई को अपने घरों की छतों पर काले झंडे फहराने की कॉल दी हुई है. हालांकि किसानों के विरोध से पहले ही उनके समर्थन में कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री नवजोत कौर सिद्धू के परिवार ने छतों पर काले झंडे फहराए हैं.

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किसानों के आंदोलन के समर्थन करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने अपने पटियाला स्थित आवास की छत पर काला झंडा फहराया तो सिद्धू के अमृतसर में स्थित आवास पर उनकी बेटी राबिया ने काला झंडा लगाया है. पटियाला में अपने घर की छत पर काला झंडा लगाने के दौरान सिद्धू दंपति ने 'जो बोले सो निहाल सत, श्री अकाल' का जयकारा लगाया और किसानों के आंदोलन को समर्थन देने की बात दोहराई. हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू ने इस दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी.

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मई को देशभर में विरोध दिवस मनाने का आह्वान किया है. किसानों ने सभी देशवासियों से अपने घर और वाहन पर काला झंडा लगाने के साथ साथ मोदी सरकार के पुतले जलाने की अपील की है. किसान आंदोलन के दिल्ली की सीमाओं पर 6 महीने पूरा होने पर और केंद्र की मोदी सरकार को 7 साल पूरा होने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने इस दिन मोदी सरकार के विरोध स्वरूप काले झंडे लगाने का फैसला किया है.

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चूंकि इसी दिन भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और परिनिर्वाण का उत्सव 'बुद्ध पूर्णिमा' भी पड़ता है, इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने यह फैसला किया है कि उस दिन सभी मोर्चे और धरनों पर अपने अपने तरीके से बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी. इस दिन देशवासियों से अपील की गई है कि वे अपने घरों, दुकानों, वाहनों समेत सोशल मीडिया पर काले झंडे लगाकर किसान विरोधी-जनता विरोधी मोदी सरकार का विरोध करें. आपको यह भी बता दें कि कांग्रेस समेत 13 विरोधी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया है.