पंजाब के राज्यपाल ने विशेष सत्र रद्द किया तो AAP बोली- लोकतंत्र की हत्या

पंजाब में विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत पेश करने की तैयारी कर रही आम आदमी पार्टी सरकार (AAP Government) को राज्यपाल से झटका लगा है. पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बड़ा एक्शन लेते हुए उस विशेष सत्र को रद्द कर दिया है.

पंजाब में विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत पेश करने की तैयारी कर रही आम आदमी पार्टी सरकार (AAP Government) को राज्यपाल से झटका लगा है. पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बड़ा एक्शन लेते हुए उस विशेष सत्र को रद्द कर दिया है.

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Deepak Pandey
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CM Bhagwant Mann( Photo Credit : File Photo)

पंजाब में विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत पेश करने की तैयारी कर रही आम आदमी पार्टी सरकार (AAP Government) को राज्यपाल से झटका लगा है. पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बड़ा एक्शन लेते हुए उस विशेष सत्र को रद्द कर दिया है. अब गुरुवार को विधानसभा का स्पेशल सेशन नहीं हो पाएगा. आम आदमी पार्टी की सरकार की तरफ से विश्वास मत पेश करने के लिए एक दिवसीय विधानसभा विशेष सत्र बुलाया गया था. इस पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधा है. 

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राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में मुझे नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की तरफ से रिप्रजेंटेशन मिला था, जिसमें कहा गया था कि इस तरह से विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा के स्पेशल सेशन को बुलाए जाने का कोई प्रावधान नियमों में नहीं है. 

राज्यपाल ने कहा कि इसके बाद एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन से कानूनी सलाह ली गई, जिसमें यह पाया गया कि इस तरह का कोई प्रावधान विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर नहीं है, इसलिए मैं विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर दिए गए अपने आदेश वापस लेता हूं. वहीं, भाजपा नेता डॉ. राजकुमार वेरका ने पंजाब विधानसभा सत्र रद्द करने के राज्यपाल के फैसले का स्वागत किया है. 

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पंजाब के राज्यपाल द्वारा विशेष सत्र रद्द किए जाने पर पंजाब आम आदमी पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि भाजपा के इशारे पर पंजाब में लोकतंत्र की हत्या का एक और नमूना. भारत के इतिहास में आजतक राज्यपाल ने विशेष सत्र की मंजूरी निरस्त नहीं की. भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहली शर्मनाक घटना. आज ये साबित हो गया कि भाजपा और कांग्रेस की मिलीभुगत... जो पर्दे के पीछे थी वो अब सामने आ गई है. 

आप ने आगे कहा कि ऑपरेशन लोटस पर सत्र बुलाया जा रहा था पर तकलीफ कांग्रेस के विरोधी दल के नेता प्रताप बाजवा को थी. आजतक कांग्रेस के विधायक पूरे देश में बिकते रहे और अब अप्रत्यक्ष रूप से पंजाब में भी बिक गए. प्रताप बाजवा ने राहुल गांधी के निर्देशों पर नहीं बल्कि Z सिक्योरिटी देने वाले अमित शाह के निर्देशों पर काम कर रहे हैं. 70 सालों से इसी तरह कांग्रेस और भाजपा ने मिलकर चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकारों की अमर्यादित रूप से हत्या की है.

उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी जैसे ही ऑपरेशन लोटस की इस मिलीभुगत को जनता के सामने ला रही थी एक बार फिर से कांग्रेस भाजपा का सुरक्षा कवच बनकर सामने आई. माननीय राज्यपाल को कोई अधिकार नहीं कि वो एक चुनी हुई सरकार के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप करे. राज्यपाल साहेब भारतीय संविधान से ज्यादा ब्रिटिश राज के वायसराय मॉडल को अपनाते दिख रहे हैं. इनकी दमनकारी नीतियों के खिलाफ आम आदमी पार्टी हमेशा से लड़ती आ रही है और आगे भी लड़ती रहेगी. 

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पंजाब के घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल कैबिनेट द्वारा बुलाए सत्र को कैसे मना कर सकते हैं? फिर तो जनतंत्र खत्म है. दो दिन पहले राज्यपाल ने सत्र की इजाजत दी. जब ऑपरेशन लोटस फेल होता लगा और संख्या पूरी नहीं हुई तो ऊपर से फ़ोन आया कि इजाजत वापस ले लो. आज देश में एक तरफ संविधान है और दूसरी तरफ ऑपरेशन लोटस.

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