आप की ओर से बिजली समझौते रद्द करने को लेकर पेश किए प्राइवेट मेंबर बिल
सोमवार को पार्टी कार्यालय से जारी एक बयान में विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि पंजाब विधानसभा का आगामी सत्र सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के लिए पंजाब और सभी बिजली उपभोक्ताओं के हित में निर्णय लेने का आखिरी मौका है.
highlights
- हेयर ने कहा कि आप ने लोगों की मांग पर विधानसभा में पांचवीं बार इस प्राइवेट मेंबर बिल को पेश किया है
- हेयर ने आगे कहा कि सरकार पंजाब के लोगों को सस्ती बिजली देने के लिए सिर्फ खोखली बयानबाजी कर रही है
- विधायक हेयर ने कहा कि अब इन दोनों नेताओं की जिम्मेदारी है कि पंजाब के लोगों को निजी बिजली कंपनियां की लूट से बचाएं
चंडीगढ़:
पंजाब के खजाने तथा निजी बिजली कंपनियों की लूट से पंजाब के लोगों को बचाने के लिए विपक्षी दल आम आदमी पार्टी की ओर से विधानसभा में लाए जा रहे निजी सदस्य विधेयक ‘दि टर्मिनेशन ऑफ पावर परचेज एग्रीमेंट विद 3 आईपीपी बिल 2021’ को सत्ताधारी कांग्रेस सहित सभी पार्टियों के विधायक एकमत तथा एकजुट होकर सर्वसम्मति से पास करें तथा घातक बिजली समझौते को रद्द करें. आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायक और यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष गुरमीत सिंह मीत हेयर ने मांग की कि आम आदमी पार्टी विपक्ष की अपनी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभा रही है. लेकिन अब यह देखना होगा कि सत्ताधारी कांग्रेस सहित कौन-कौन विधायक पंजाब तथा पंजाब के लोगों के हक के लिए खड़ा होता है.
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सोमवार को पार्टी कार्यालय से जारी एक बयान में विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि पंजाब विधानसभा का आगामी सत्र सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के लिए पंजाब और सभी बिजली उपभोक्ताओं के हित में निर्णय लेने का आखिरी मौका है. अगर कांग्रेस इस बार भी चूकती है तो यह साबित हो जाएगा कि कांग्रेसियों को बादलों की तरह लोगों की नहीं बल्कि निजी बिजली कंपनियों से मिलने वाली दलाली की ज्यादा चिंता है. इसलिए अगला सत्र सत्ताधारी कांग्रेस और उसके नवनियुक्त अध्यक्ष और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा ,क्योंकि आप ने लोगों की मांग पर विधानसभा में पांचवीं बार इस प्राइवेट मेंबर बिल को पेश किया है. मीत हेयर ने कहा कि आम आदमी पार्टी शुरू से ही प्राइवेट कंपनियों के साथ हुए बिजली खरीद समझौतों को रद करने की मांग करती आई है तथा बतौर विपक्षी पार्टी होने के नाते तथा लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी अपने विधायक अमन अरोड़ा के माध्यम से विधानसभा में ‘दि पावर परचेज विद 3 आईपीपी बिल 2021’ को चार बार पेश कर चुकी है. लेकिन कांग्रेस सरकार विधानसभा में बिल पर चर्चा करने के बजाए दूर भाग रही है. जिस से यह साबित होता है कि सरकार पंजाब के लोगों को सस्ती बिजली देने के लिए सिर्फ खोखली बयानबाजी कर रही है. उन्होंने कहा कि पंजाब में बिजली संकट का एकमात्र समाधान निजी बिजली कंपनियों के साथ बिजली समझौते को रद्द करना है.
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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पंजाब की जनता से किए वादों को याद कराते हुए विधायक हेयर ने कहा कि अब इन दोनों नेताओं की जिम्मेदारी है कि पंजाब के लोगों को निजी बिजली कंपनियां की लूट से बचाएं. उन्होंने आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह बिजली समझौतों पर पंजाब विधानसभा में ‘श्वेत पत्र’ पेश करने के अपने वादे से मुकर गए है और नवजोत सिंह सिद्धू हर विधानसभा सत्र में बिजली समझौतों के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाने से बच रहे हैं. लेकिन इस बार इस मुद्दे पर दोगला स्टैंड लेने वालों को जनता की अदालत में जवाब देना ही पड़ेगा. विधायक मीत हेयर ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है और अब यह कैप्टन सरकार और कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह 2017 के चुनावी वादे के मुताबिक बिना किसी रूकावट के इस बिल को सत्र में पेश करें और इस पर चर्चा करें तथा बादलों द्वारा किए पंजाब घातक बिजली समझौते सर्वसम्मति से रद्द कर पंजाब की जनता के साथ हो रही लूट को बंद किया जाए.
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