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सीएम चन्नी के खोखले बयानों ने स्कूली बच्चों को भी नहीं बख्शा- प्रिंसिपल बुद्धराम

प्रिंसिपल बुद्धराम ने सीएम चन्नी पर सवाल उठाते हुए कहा की मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री बताएं कि 5,000 से ज्यादा सरकारी स्कूल पावरकॉम की डिफॉल्टर लिस्ट में क्यों हैं, क्या कोई स्कूल बिना बिजली कनेक्शन के स्मार्ट हो सकता है.

Updated on: 09 Dec 2021, 08:15 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने झूठी घोषणाएं करने में स्कूली बच्चों को भी नहीं बख्शा. सर्दी शुरू हो गई है लेकिन घोषणा के बावजूद चन्नी सरकार सरकारी स्कूलों के सभी छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म उपलब्ध नहीं करवा पाई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री परगट सिंह सरकारी स्कूलों के गेट और दीवारों पर पेंट करवाकर सरकारी स्कूलों की बदहाली पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने सवाल करते हुए कहा की मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री बताएं कि 5,000 से ज्यादा सरकारी स्कूल पावरकॉम की डिफॉल्टर लिस्ट में क्यों हैं, क्या कोई स्कूल बिना बिजली कनेक्शन के स्मार्ट हो सकता है.

पार्टी मुख्यालय से गुरुवार को जारी एक बयान में पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक प्रिंसिपल बुद्धराम ने कहा कि पिछले 35-40 वर्षों से कांग्रेस और बादल-भाजपा सरकारों ने निजी क्षेत्रों के साथ मिलकर सरकारी स्कूलों और कॉलजों का सबसे अधिक नुकसान किया है. पिछली सरकारों की गलत नीतियों के कारण आज राज्य की प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा का स्तर काफी नीचे चला गया है. लेकिन हमारे मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री, कैप्टन और बादल की तरह हकीकत को मानने की बजाय हकीकत पर पर्दा डालकर लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन अब पंजाब के लोग और अभिभावक न तो चन्नी की फर्जी घोषणाओं पर विश्वास कर रहे हैं और न ही परगट सिंह के नंबर वन स्कूलों के दावों को स्वीकार कर रहे हैं.

आप नेता ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों की पंजाब के स्कूलों से तुलना करने को चुनौती देकर परगट सिंह मजाक का पात्र बन गए हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में सर्दी जोरों पर है लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म देने की घोषणा खोखली साबित हो रही है. विधायक ने कहा कि चन्नी सरकार को वोट के लिए स्कूली बच्चों के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए क्योंकि राज्य के सरकारी स्कूलों में अधिकांश बच्चे सामान्य और गरीब परिवारों से हैं. सरकार द्वारा की जा रहीं झूठी घोषणाएं ऐसे मासूमों और मजबूर गरीब बच्चों का मजाक है जो किसी सरकार या राजनीतिक दल को शोभा नहीं देता.

उन्होंने कहा कि ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के 5000 से ज्यादा सरकारी स्कूल पावरकॉम (बिजली विभाग) के डिफाल्टर हैं यानी ये सरकारी स्कूलों का बिजली का बिल भी नहीं भर सके. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना पंजाब सरकार के मुंह पर एक तमाचा है और स्कूली शिक्षा पर पंजाब सरकार के नंबर वन वाले दावे को बेनकाब करती है.
आप विधायक ने कहा कि पंजाब के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि कांग्रेस, बादल और बीजेपी जैसी पारंपरिक पार्टियां पंजाब की सार्वजनिक शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में कभी सुधार नहीं कर सकती हैं. केवल केजरीवाल मॉडल ही सरकारी स्कूलों और अस्पतालों को बदल सकता है. इस संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में चौथी गारंटी की है कि पंजाब में पैदा होने वाले हर बच्चे को सरकारी स्कूलों में बेहतरीन शिक्षा बिल्कुल मुफ्त दी जाएगी. उन्होंने लोगों से अपील कि वह 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को मौका दें.