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बुजुर्गों,विकलांगों तथा विधवाओं के बैंक खातों में हो पेंशन का भुगतान: जरनैल सिंह

विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार के चेक के माध्यम से पेंशन बांटने के फैसले से बुजुर्गों, विकलांगों, विधवाओं और बेसहारा लाभार्थियों के हित में नहीं है

Updated on: 10 Aug 2021, 12:27 AM

highlights

  • आप ने भलाई पेंशन राशि का चेक से भुगतान करने का किया विरोध
  • सरकारी तथा सहकारी बैंकों से पेंशन राशि बांटने की वकालत की
  • आप नेता ने कहा कि इस तरह के प्रयोग अतीत में बुरी तरह विफल रहे हैं

चंडीगढ़:

आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार की ओर से भलाई स्कीमों के तहत बुजुर्गों, विकलांगों, विधवाओं और बेसहारा लाभार्थियों को दी जाने वाली मासिक पेंशन चेक के माध्यम से देने के फैसले का कड़ा विरोध किया है. सोमवार को यहां मीडिया को संबोधित करते हुए पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी और विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार के चेक के माध्यम से पेंशन बांटने के फैसले से बुजुर्गों, विकलांगों, विधवाओं और बेसहारा लाभार्थियों के हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि बुजुर्ग या विकलांग जो पहले ही चलने फिरने में असमर्थ हैं,उन्हें चेक लेने के लिए सरकारी कार्यालयों और पंच-सरपंचों के पास जाना होगा और फिर चेक कैश कराने के लिए बैंकों के बाहर घंटों कतार पर लगना होगा.

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आप नेता ने कहा कि इस तरह के प्रयोग अतीत में बुरी तरह विफल रहे हैं, इसलिए सरकार को चेक द्वारा पेंशन देने के अपने फैसले को तुरंत रद्द करना चाहिए, क्योंकि बुजुर्गों, विकलांगों और विधवाओं पर इस तरह के घातक फैसले थोपना किसी भी सरकार को शोभा नहीं देता. उन्होंने कहा सरकार की लोगों के साथ हो रही नाइंसाफी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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उन्होंने आगे कहा कि चुनावी वर्ष में इस तरह के फैसले सीधे तौर पर राजनीति से प्रेरित होते हैं और सत्ताधारी कांग्रेस अपने पंच-सरपंचों और पार्षदों के माध्यम से आश्रित वर्ग पर दबाव बनाने के लिए इस तरह के तुगलकी फरमान जारी कर रही है. उन्होंने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार भी बुजुर्गों, विकलांगों और विधवाओं के साथ इस तरह के सियासी पैंतरे खेलती आई है. आप नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार, जिसने साढ़े चार साल में वादे के मुताबिक 2,500 रुपये प्रति माह का भुगतान नहीं किया, उसे पेंशन लाभार्थियों को परेशान करने का कोई अधिकार नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को सरकारी और उसके सहकारी बैंकों के माध्यम से पैसा ट्रांसफर करना चाहिए और कल्याणकारी योजनाओं के लिए फंड जारी करना चाहिए.