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बेरोजगारी नहीं, खजाना खाली करने वाले माफियाओं पर कार्रवाई करे कांग्रेस सरकार: एडवोकेट दिनेश चड्ढा

एसएसएस बोर्ड ने अपनी इस गलती को मानने की बजाय फरमान जारी कर दिया कि यदि किसी अभ्यर्थी को उत्तर गलत लगते हैं तो उसे रीचेकिंग के लिए प्रति उत्तर 500 रुपए बतौर फीस अदा करनी होगी.

Updated on: 12 Aug 2021, 11:59 PM

highlights

  • रीचेकिंग के लिए प्रति उत्तर 500 रुपए बतौर फीस अदा करनी होगी
  • पंजाब सरकार ने पटवारियों की भर्ती में में 52.5 करोड़ कमाने की बनाई योजना
  • बेरोजगारों की जेब पर डाका डाल रही सत्ताधारी कांग्रेस - मीत हेयर

चंडीगढ़:

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने कांग्रेस सरकार पर राज्य में बेरोजगारी को लूट के साधन के रूप में इस्तेमाल करने के आरोप लगाए हैं, क्योंकि सरकार ने पहले पटवारी की भर्ती के लिए प्रदेश के युवा बेरोजगारों से करोड़ों रुपए वसूले और अब फिर रिचेकिंग के नाम पर प्रति सवाल 500 रुपए फीस लेकर अभ्यर्थियों को लूटने की कोशिश कर रही है. गुरुवार को यहां पार्टी कार्यालय से जारी एक संयुक्त बयान में आप विधायक और यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष मीत हेयर और युवा नेता एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने कहा कि हाल ही में पंजाब सरकार की एजेंसी एसएसएस बोर्ड ने पटवारियों की भर्ती के लिए एक प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की थी जिसमें 5 प्रश्न गलत होने का मामला सामने आया था. एसएसएस बोर्ड ने अपनी इस गलती को मानने की बजाय फरमान जारी कर दिया कि यदि किसी अभ्यर्थी को उत्तर गलत लगते हैं तो उसे रीचेकिंग के लिए प्रति उत्तर 500 रुपए बतौर फीस अदा करनी होगी.

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विधायक मीत हेयर ने कहा कि सरकारी नौकरी के लिए यदि कोई उम्मीदवार पांच उत्तरों के लिए 500 रुपये प्रति उत्तर शुल्क के मुताबिक दावा करता है, तो उसे 2500 रुपये का शुल्क देना होगा. इस प्रकार कांग्रेस सरकार ने पटवारी की परीक्षा में बैठने वाले 2 लाख 10 हजार बेरोजगार उम्मीदवारों की जेब पर 52.5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ डाल दिया है. मीत हेयर ने कहा कि सरकार बेरोजगारों पर इस प्रकार आर्थिक बोझ डालकर उन्हें लूटने की कोशिश कर रही है. वहीं, एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उत्तर पुस्तिका में गलत प्रश्न छापने की गलती एसएसएस बोर्ड से हुई है तो,इसमें अभ्यर्थियों का क्या दोष है? किस गलती के लिए सरकारी एजेंसी अभ्यर्थियों से ज्यादा पैसे मांग रही है? उन्होंने आगे कहा कि सरकार अपनी गलती मानने के बजाए बेरोजगार तथा गरीब अभ्यर्थियों को लूटकर अपना खजाना भरने में लगी है.

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चड्ढा ने मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार को खजाना भरने के लिए बेरोजगारी को अपना खजाना भरने का साधन नहीं बनाना चाहिए. बल्कि पटवारी परीक्षा में उत्तर पुस्तिका की गलती को स्वीकार कर रियायती अंकों (ग्रेस अंक) देने की घोषणा करनी चाहिए. साथ ही सही उत्तर के दावे पर अभ्यर्थियों से फीस वसूली के फैसले को भी तुरंत वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को लूटकर तिजोरी भरने के बजाय सरकार माफिया पर लगाम कसे. सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए चड्ढा ने कहा कि 2017 के चुनावों में कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा कांग्रेस पार्टी ने राज्य के बेरोजगारों को सरकारी नौकरी मिलने तक 2500 रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने की वादा किया था, लेकिन सत्ता में आते ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने न तो बेरोजगारों को नौकरी दी और न ही उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया. उल्टा सरकार बेरोजगारों से मोटी फीस वसूल कर उन्हें लूट रही है. उन्होंने आगे कहा पंजाब में जेल वार्डन और सहकारी बैंकों के पदों के लिए एक ही दिन परीक्षा करवाने का फैसला सरकार की बेरोजगारों के प्रति लापरवाही को दर्शाता है. सरकार का यह फैसला आधे से अधिक आकांक्षी उम्मीदवारों का दोनों परीक्षाओं में बैठने का मौका छीन लेगा. इसलिए दोनों में से एक परीक्षा 27, 28 व 29 अगस्त की जगह किसी अन्य तारीख को करवाई जाए.